Top
Begin typing your search above and press return to search.

त्रिपक्षीय बातचीत को तैयार नहीं पुतिन, पर मैक्रों से मिलने को राजी

यूक्रेन में शांति की बातचीत को त्रिपक्षीय बनाने की बात को रूस ने नकार दिया है. हालांकि संकेत दिया है कि युद्ध खत्म करने को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से रूसी राष्ट्रपति पुतिन की बातचीत हो सकती है

त्रिपक्षीय बातचीत को तैयार नहीं पुतिन, पर मैक्रों से मिलने को राजी
X

यूक्रेन में शांति की बातचीत को त्रिपक्षीय बनाने की बात को रूस ने नकार दिया है. हालांकि संकेत दिया है कि युद्ध खत्म करने को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से रूसी राष्ट्रपति पुतिन की बातचीत हो सकती है.

रूस ने रविवार, 21 दिसंबर को साफ कर दिया कि यूक्रेन, रूस और अमेरिका के बीच किसी त्रिपक्षीय बातचीत की कोई तैयारी नहीं है. यह बयान ऐसे समय आया जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की ओर से दावा किया गया था कि वॉशिंगटन ने ऐसा प्रस्ताव रखा है. जेलेंस्की ने यह भी कहा था कि यूरोपीय प्रतिनिधियों की मौजूदगी भी संभव है. हालांकि उन्होंने ऐसी किसी बैठक से कोई ठोस प्रगति होने को लेकर खुद ही संदेह भी जताया था.

अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि इस पहल पर "किसी ने गंभीरता से चर्चा नहीं की है” और ना ही किसी स्तर पर ऐसी तैयारी हो रही है.

यूक्रेन की मदद के लिए 90 अरब यूरो कैसे जुटाएगा ईयू?

मायामी की बातचीत से उम्मीदें

इस बीच रूसी दूत किरिल दिमित्रिएव शनिवार को मायामी पहुंच गए, जहां यूक्रेनी और यूरोपीय टीमें पहले से मौजूद हैं. यह वार्ता अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दामाद जैरेड कुशनर की मध्यस्थता में हो रही है. उशाकोव ने कहा कि दिमित्रिएव मॉस्को लौटकर रिपोर्ट देंगे और उसके बाद आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक अमेरिका का संशोधित प्रस्ताव रूस को नहीं मिला है, जिसे यूक्रेनी और यूरोपीय टीमों के साथ हुई बातचीत के बाद तैयार किया गया बताया जा रहा है.

रूस और यूक्रेन के बीच आखिरी आधिकारिक सीधी बातचीत जुलाई में इस्तांबुल में हुई थी, जहां कुछ कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी, लेकिन व्यापक शांति प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई थी.

मायामी में इस बार यूरोपीय और रूसी प्रतिनिधियों की मौजूदगी को पहले की तुलना में एक कदम आगे बढ़ा हुआ माना जा रहा है, क्योंकि पहले अमेरिका दोनों पक्षों से अलग-अलग स्थानों पर बातचीत करता था. इस बार यह बातचीत साथ हो रही है. इसके बावजूद, लगभग चार साल से जारी युद्ध और दोनों देशों के बीच बेहद तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए सीधी वार्ता की संभावना पर संदेह बना हुआ है.

यूरोप से सीधी बातचीत नहीं चाहते पुतिन

मॉस्को का तर्क है कि यूरोपीय देशों की भागीदारी प्रक्रिया को और जटिल बनाती है. रूस, फरवरी 2022 में यूक्रेन में सेना भेजने के बाद से लगातार यह कहता रहा है कि पश्चिमी देशों की दखलअंदाजी बातचीत को धीमा करती है. वहीं यूक्रेन का कहना है कि यूरोपीय उपस्थिति आवश्यक है क्योंकि युद्ध का प्रभाव पूरे महाद्वीप पर पड़ा है. दोनों पक्षों की यह परस्पर अविश्वास की स्थिति मायामी वार्ता के माहौल को और पेचीदा बना रही है.

वहीं इसी दौरान जेलेंस्की ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर दावा किया है कि पिछले एक सप्ताह में रूस ने यूक्रेन पर लगभग 1,300 ड्रोन अटैक, करीब 1,200 गाइडेड एरियल बम और विभिन्न प्रकार की 9 मिसाइलें दागी हैं. उन्होंने कहा कि ओडेसा क्षेत्र और देश का दक्षिणी हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. एक ओर सभी पक्षों के बीच मायामी में बातचीत की कोशिशें जारी हैं, पर जमीनी हालात और बढ़ते हमले किसी भी संभावित समझौते को और कठिन बना रहे हैं.

मैक्रों से मिलने को तैयार पुतिन

इन सबके बीच रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों से बातचीत के लिए तैयार हैं. पेस्कोव के अनुसार, पुतिन का मानना है कि यदि राजनीतिक इच्छा हो तो ऐसी बातचीत सकारात्मक ही मानी जाएगी. फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने भी रूस के इस रुख का स्वागत किया है.

दरअसल मैक्रों ने शुक्रवार को कहा था कि यूरोप और यूक्रेन के लिए पुतिन से सीधे बात करना उपयोगी हो सकता है, वरना यूरोपीय देश सिर्फ आपस में चर्चा करते रहेंगे जबकि वास्तविक वार्ता रूस के साथ अलग से चलती रहेगी. बर्लिन में पिछले हफ्ते यूक्रेनी, अमेरिकी और यूरोपीय प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के बाद अभी मायामी में जारी बातचीत के पहले चरण को रूसी वार्ताकार किरिल दिमित्रिएव ने "रचनात्मक” बताया है.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it