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राष्ट्रपति शी का बधाई पत्र मानव सभ्यता की प्रगति को समर्पित

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वैश्विक सभ्यताओं के संवाद पर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को एक बधाई पत्र भेजा

राष्ट्रपति शी का बधाई पत्र मानव सभ्यता की प्रगति को समर्पित
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बीजिंग। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वैश्विक सभ्यताओं के संवाद पर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को एक बधाई पत्र भेजा, जिसमें एक बार फिर सभ्यता पर चीन के दृष्टिकोण को गहराई से समझाया गया और सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और आपसी सीख के माध्यम से मानव सभ्यता की प्रगति को बढ़ावा देने और विश्व शांति और विकास की रक्षा करने के लिए इस युग में चीन की जिम्मेदारी को दर्शाया गया।

सम्मेलन में उपस्थित विभिन्न देशों के अतिथियों ने राष्ट्रपति शी द्वारा प्रस्तावित वैश्विक सभ्यता पहल के समकालीन मूल्य और वैश्विक योगदान की बहुत प्रशंसा की और कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ मिलकर सभ्यताओं के बीच संवाद को मजबूत करना चाहिए, आपसी सीख को गहरा करना चाहिए, ताकि सभी देशों के लोगों के बीच आपसी समझ और मित्रता को बढ़ावा देने तथा विभिन्न सभ्यताओं के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए ज्ञान और शक्ति का योगदान कर सकें।

यूनेस्को की पूर्व महानिदेशक इरीना बोकोवा ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शांति, विकास और समस्त मानव जाति की भलाई के लिए सभ्यताओं के बीच संवाद के महत्व पर बल दिया। हम एक ही दुनिया में रहते हैं, जहां विभिन्न संस्कृतियां, धर्म और सामाजिक व्यवस्थाएं हैं। राष्ट्रपति शी द्वारा प्रस्तावित "वैश्विक सभ्यता पहल" सभ्यताओं की विविधता का सम्मान करती है और सद्भाव व एकता को बढ़ावा देती है। यह न केवल एक पहल है, बल्कि विश्व के लिए एक उपहार भी है।

वहीं, पाकिस्तान के सूचना और रेडियो मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग का नेतृत्व दूरदर्शी है। उनकी वैश्विक सभ्यता पहल बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता से परिपूर्ण है, जो सभ्यताओं के बीच की बाधाओं को तोड़ने और सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और आपसी सीख को बढ़ावा देने में चीन के दृढ़ विश्वास को दर्शाती है। हमें एक-दूसरे की सभ्यतागत बुद्धिमत्ता को समझना और उससे सीखना चाहिए तथा अधिक आदान-प्रदान करना चाहिए, ताकि हम जिस दुनिया में रहते हैं वह एक बेहतर जगह बन सके।

वर्तमान में, अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियां परिवर्तनशील और अशांत हैं और मानवजाति एक नए मोड़ पर है। सभ्यताओं की विविधता का सम्मान करना और विश्व शांति व विकास को बढ़ावा देना मानवजाति के भविष्य और नियति से संबंधित प्रमुख प्रस्ताव हैं।

सम्मेलन में उपस्थित विदेशी अतिथियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों में, वैश्विक सभ्यता पहल के विचार और प्रस्ताव तेजी से वैश्विक सहमति बन गए हैं और लगातार जीवंत अन्वेषण और व्यवहार में परिवर्तित हो रहे हैं, जिससे अशांत विश्व में स्थिरता और निश्चितता का संचार हुआ है।


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