Top
Begin typing your search above and press return to search.

पाकिस्तान में पादरी की हत्या, मानवाधिकार संगठन बोला 'हालात गंभीर, हाशिए पर ईसाई समाज'

अल्पसंख्यक समुदाय के प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने पादरी की हत्या पर सख्त ऐतराज जताया

पाकिस्तान में पादरी की हत्या, मानवाधिकार संगठन बोला हालात गंभीर, हाशिए पर ईसाई समाज
X

इस्लामाबाद। अल्पसंख्यक समुदाय के प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने मंगलवार को पादरी की हत्या पर सख्त ऐतराज जताया। यह घटना मात्र दो महीने पहले इसी व्यक्ति पर हुए एक असफल हत्या प्रयास के बाद हुई, जो पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की असुरक्षा को उजागर करती है।

द वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी (वीओपीएम) के मुताबिक 5 दिसंबर को उन पर हमला किया गया था। हमला तब हुआ था जब पास्टर कामरान अपनी बेटी को कॉलेज छोड़ने के लिए घर से निकले ही थे।

संगठन के अनुसार जैसे ही पास्टर अपनी कार की ओर बढ़े थे कि बाइक सवार बदमाशों ने सामने से आकर उन पर नजदीक से कई गोलियां दाग दीं। उन्हें तुरंत पंजाब प्रांत के गुजरांवाला स्थित जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

मानवाधिकार संगठन के अनुसार इस वारदात के बाद पूरा ईसाई समुदाय सदमे में है। पास्टर अपने पीछे पत्नी सल्मिना और तीन बच्चे छोड़ गए हैं।

वीओपीएम के अनुसार, ये वारदात बेहद दुखद इसलिए भी है क्योंकि पास्टर ने अपना पूरा जीवन मानव जीवन की सेवा को समर्पित किया। अक्टूबर माह में ही उनके साथ हिंसा की गई थी। दो महीने पहले ही उन पर इस्लामाबाद में कुछ कट्टरपंथियों ने गोलीबारी की थी। उस दौरान वो घायल हुए थे लेकिन उन्हें बचा लिया गया था।

संगठन ने कहा, “इस बेरहम हत्या ने पाकिस्तान के ईसाइयों को और खौफजदा कर दिया है। ये समुदाय पहले से ही हिंसा के साए में जी रहा है। पादरी कामरान की मौत कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि उन लोगों पर हमलों के बढ़ते पैटर्न का हिस्सा है जो विपरीत परिस्थितियों में अपने विश्वास के लिए खड़े होने की हिम्मत जुटाते हैं। उनके परिवार ने जो दर्द और नुकसान महसूस किया है, वह उन्हें जानने वाले और जिन समुदायों की उन्होंने सेवा की, उनके कई दिलों में गूंज रहा है।”

मानवाधिकार संगठन का कहना है कि हालांकि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की उदासीनता से न्याय की उम्मीद कम ही है।

इसमें आगे कहा गया, “पादरी कामरान की हत्या दिखाती है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक हाशिए पर हैं और इन घिनौने कामों के लिए जिम्मेदारों को सजा न दिया जाना इस समाज की बेबसी का संकेत देता है।”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it