नेपाल में हिंसा की नई लहर : जेल तोड़कर भाग रहे कैदियों पर सेना ने की फायरिंग, 2 की मौत
नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और जनाक्रोश के बीच हालात एक बार फिर चिंताजनक हो गए हैं

नेपाल में फिर से हिंसा, जेल तोड़कर भाग रहे कैदियों पर सेना ने की फायरिंग, 2 की मौत
- राजनीतिक अस्थिरता के बीच नेपाल में जेलों से कैदी फरार, सेना ने संभाली कमान
- रामेछाप जेल ब्रेक पर सेना की गोलीबारी, कई घायल, नेपाल में हालात तनावपूर्ण
- भीम फेदी से 260 कैदी फरार, नेपाल में कर्फ्यू और सीमा सुरक्षा बढ़ाई गई
- जेलों में बगावत और गोलीबारी, नेपाल में संविधान संशोधन को लेकर बढ़ा असंतोष
नई दिल्ली। नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और जनाक्रोश के बीच हालात एक बार फिर चिंताजनक हो गए हैं। मंगलवार रात रामेछाप जिले में एक गंभीर घटना सामने आई, जब जेल में बंद कैदियों ने दीवार तोड़कर भागने की कोशिश की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तैनात सेना ने फायरिंग की, जिसमें दो कैदियों की मौत हो गई और दस अन्य घायल हो गए।
रामेछाप जिला जेल में दर्जनों कैदियों ने अचानक दीवार तोड़कर भागने की योजना बनाई। जैसे ही सुरक्षाकर्मियों को इसकी भनक लगी, सेना ने मोर्चा संभालते हुए गोलीबारी की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह गोलीबारी काफी तीव्र थी और पहली बार सेना ने इस तरह की कार्रवाई की है।
साथ ही अन्य जिलों में भी उथल-पुथल देखने हो मिली जैसे वीरगंज में 146 बाल कैदी जेल से फरार हुए, जिनमें से 78 को पुलिस ने पकड़ लिया है। भीम फेदी, मकवानपुर में जेल से 260 कैदी भागे, सेना ने स्थिति को संभालने के लिए करीब 200 राउंड फायरिंग की। साथ ही बारा जिले में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, प्रशासन ने अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है।
वीरगंज और आसपास के क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। सेना ने कई संवेदनशील जिलों में कमान संभाल ली है। नेपाल-भारत सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ताकि फरार कैदी सीमा पार न कर सकें।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब नेपाल में सत्ता परिवर्तन और संविधान संशोधन को लेकर जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है। जेलों में भीड़भाड़ और प्रशासनिक लापरवाही ने हालात को और गंभीर बना दिया है। नेपाल सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


