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नेपाल: अंतरिम सरकार का प्रमुख चुनने के लिए बातचीत जारी

नेपाल में अंतरिम सरकार का प्रमुख चुनने के लिए युवा प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच बातचीत जारी है

नेपाल: अंतरिम सरकार का प्रमुख चुनने के लिए बातचीत जारी
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भारत, दुनिया, खेल और विज्ञान की सारी बड़ी खबरें, एक साथ और तुरंत. हम यह पेज लगातार अपडेट कर रहे हैं ताकि आपको दिनभर की खबरें एक साथ एक जगह मिल जाएं.

  • क्या भारत और चीन पर भारी टैरिफ लगाएगा यूरोपीय संघ
  • विदेश मंत्रालय ने कहा, रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों से दूर रहें भारतीय
  • दोहा पर इस्राएल के हमले ने खत्म कर दी बंधकों के रिहा होने की उम्मीद: कतर
  • नेपाल: हिंसक प्रदर्शनों में कुछ पुलिसकर्मियों समेत 35 लोगों की हुई मौत

ज्यादातर जर्मन पायलटों ने मानी फ्लाइट के दौरान झपकी लेने की बात: सर्वे

जर्मनी में पायलटों के यूनियन 'फराएनिगुंग कॉकपिट' ने एक सर्वे किया. इस सर्वे में शामिल करीब 93 फीसदी पायलटों ने माना कि वे फ्लाइट के दौरान छोटी सी झपकी ले लेते हैं. पायलटों के इस संगठन से 900 से भी अधिक पायलट जुड़े हुए हैं.

संगठन की अध्यक्ष काथरीना डीजलडोर्फ ने सर्वे के हवाले से पायलटों की चुनौतियों की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि ये नतीजे बताते हैं कि जर्मनी के पायलट काम के बोझ से जूझ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि झपकी लेना आराम पाने के लिए एक फौरी उपाय था, लेकिन अब ये व्यवस्था द्वारा लादे गए बोझ से निपटने का स्थायी तरीका बन चुका है.

हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि पायलटों का झपकी लेना कोई बड़ा खतरा नहीं है क्योंकि कॉकपिट में हमेशा दो पायलट मौजूद होते हैं. लेकिन स्थायी रूप से थका हुआ कॉकपिट एक संभावित खतरे में जरूर बदल सकता है. यूनियन लगातार पायलटों पर बढ़ते काम के बोझ के मुद्दे को रेखांकित करता रहा है.

तुर्की: सरकार के निशाने पर क्यों आया महिलाओं का बैंड 'मैनिफेस्ट'

तुर्की में महिलाओं के म्यूजिकल बैंड 'मैनिफेस्ट' के खिलाफ अश्लीलता फैलाने के आरोप में जांच शुरू कर दी गई है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, बीते रविवार को राजधानी इस्तांबुल में बैंड के प्रदर्शन के बाद ही यह जांच शुरू की गई है.

इस्तांबुल के प्रमुख जांच अधिकारी के कार्यालय ने कहा कि यह जांच स्टेज पर बैंड के डांस और परफॉर्मेंस को देखने के बाद शुरू की गई. अपने बयान में उन्होंने कहा, "बैंड की परफॉर्मेंस सभ्यता और नैतिकता पर हमला थी. इस समूह ने पवित्रता और लज्जा जैसी भावनाओं को ठेस पहुंचाया. साथ ही इसमें बच्चों और युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता थी."

वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआनके सलाहकार ओक्टाई सराल ने एक्स पर लिखा कि बैंड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि वे ऐसी हरकत दोबारा ना करें. बीते कुछ समय में तुर्की में आम जन भावना और नैतिकता को ठेस पहुंचने का हवाला देकर कॉन्सर्ट और म्यूजिक फेस्टिवल रद्द किए गए हैं.

छह महिलाओं का यह बैंड हाल के कुछ समय में अपनी लाइव परफॉर्मेंस के कारण लोगों के बीच खासा मशहूर हो गया. जांच शुरू होने के बाद उन्हें अपने पहले से तय टूर को भी रद्द करना पड़ा. जांच के बाद बैंड ने एक्स पर लिखा, "हमारा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. युवा महिलाओं के एक समूह के तौर पर हम बस वही करते हैं, जिससे हमें प्यार है, स्टेज हमारे लिए सबसे आजाद जगह है. हमारा सबसे बड़ा सपना पूरी दुनिया में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना है."

चीन से घूस लेने के आरोपी एएफडी नेता के घर और दफ्तर पर पड़े छापे

बुंडेसटाग (जर्मन संसद) ने धुर-दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के नेता मैक्सिमिलियन क्राह के खिलाफ तलाशी और जब्ती के आदेश को मंजूरी दे दी. यूरोपीय संसद में क्राह पर अपने कार्यकाल के दौरान घूस लेने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं. इसके साथ ही उनके खिलाफ चीन के लिए जासूसी करने का मामला भी दर्ज है.

बुंडेसटाग ने अपने बयान में कहा कि क्राह के खिलाफ यह फैसला संसद के सभी सदस्यों की वोटिंग के बाद लिया गया. इसमें खुद उनकी पार्टी एएफडी के सांसद भी शामिल थे. संसद के इस फैसले के तुरंत बाद ही बर्लिन और ड्रेसडन में मौजूद क्राह के दफ्तर में छापेमारी की गई. इसके साथ ही उनके घर की भी तलाशी ली गई. जर्मनी के अलावा ब्रसेल्स में भी उनके दफ्तर पर छापा मारा गया.

इस साल फरवरी में हुए चुनावों में वह एएफडी की ओर से चुनकर बुंडेसटाग पहुंचे थे. इससे पहले 2019 से 2025 तक वह यूरोपीय संसद के सदस्य भी रहे थे. मई में ड्रेसडन में उन पर अपने कार्यकाल के दौरान चीन से घूस लेने के आरोप के खिलाफ जांच शुरू की गई थी.

नेपाल: हिंसक प्रदर्शनों में कुछ पुलिसकर्मियों समेत 35 लोगों की हुई मौत

नेपाल में अंतरिम सरकार का प्रमुख चुनने के लिए युवा प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच बातचीत जारी है. नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने की दौड़ में सबसे आगे हैं. कार्की नेपाल में चीफ जस्टिस के पद तक पहुंचने वाली पहली महिला हैं. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कई युवाओं ने इस पद के लिए उनका नाम सुझाया है.

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने नाम ना बताने की शर्त पर रॉयटर्स से कहा, 73 वर्षीय कार्की ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए अपनी सहमति दे दी है. लेकिन उनकी नियुक्ति के लिए एक संवैधानिक रास्ता खोजने के प्रयास किए जा रहे हैं. एक दूसरे सूत्र ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के बीच उनकी उम्मीदवारी को लेकर कुछ मतभेद हैं और सबकी सहमति से एक फैसले पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.

इस बीच, स्थिति को सामान्य करने की कोशिश में लगी नेपाल की सेना ने देशभर में लगे कर्फ्यू को शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दिया है. हालांकि, इसमें कुछ छूट भी दी गई हैं ताकि आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को आवागमन में कोई परेशानी ना हो. सेना के मुताबिक, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटों से यात्रा करने वाले लोगों को भी आने-जाने की छूट दी गई है. इसके लिए उन्हें सिर्फ अपनी टिकट दिखानी होगी.

नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, प्रदर्शनों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है और एक हजार से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं. वहीं, न्यूज एजेंसी डीपीए ने पुलिस और अस्पताल के कई सूत्रों से हुई बातचीत के आधार पर जानकारी दी है कि अब तक कम से कम 35 लोग मारे गए हैं, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

फ्रांस में 15 साल से छोटे बच्चों के लिए बैन हो सकता है सोशल मीडिया

फ्रांस की एक संसदीय समिति ने 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है. बच्चों के ऊपर सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक के मनोवैज्ञानिक प्रभाव का अध्ययन कर रही इस समिति ने यह भी सुझाया है कि 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए 'डिजिटल कर्फ्यू' लागू करना चाहिए यानी रात 10 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक उनके सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा दी जाए. समिति ने तो यहां तक कहा है कि अगर सोशल मीडिया कंपनियां जरूरी शर्तों को पूरा नहीं करती हैं तो 18 साल की उम्र तक के सभी बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन कर दिया जाना चाहिए.

फ्रांस में सात परिवारों ने टिकटॉक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था कि यह ऐप उनके बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित कॉन्टेंट दिखा रहा था. समिति ने सुझाव देने से पहले उन बच्चों के परिवारों से भी बात की जिनकी मौत आहत्महत्या के कारण हुई. साथ ही सोशल मीडिया अधिकारियों और इंफ्लूएंसरों की राय भी शामिल की है.

फ्रांस की 52 वर्षीय जेराल्डिन ने ऐसे ही एक हादसे में अपनी 18 साल की बेटी पेनेलपी को खो दिया था. बेटी की मौत के बाद उन्हें उसके फोन में खुद को नुकसान पहुंचाने से जुड़े टिकटॉक वीडियो मिले थे. हालांकि, टिकटॉक ने कहा है कि युवा और किशोरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी प्राथमिकता है. फ्रांस के साथ साथ स्पेन, ग्रीस, बेल्जियम जैसे कई यूरोपीय देशों ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों को नियंत्रित करने की मांग की है.

फिनलैंड में इस साल अगस्त से स्कूलों में फोन इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा दी गई थी. इस प्रतिबंध के बाद वहां के स्कूल परिसरों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं. स्कूलों के मुताबिक अब बच्चे आपस में ज्यादा घुल-मिल रहे हैं. वहीं, ऑस्ट्रेलिया में भी 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई है.


दोहा पर इस्राएल के हमले ने खत्म कर दी बंधकों के रिहा होने की उम्मीद: कतर

कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जासिम अल थानी ने कहा है कि दोहा पर हुए हमले के बाद हमास की कैद में मौजूद बंधकों के रिहा होने की उम्मीद को इस्राएली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने पूरी तरह खत्म कर दिया है.

अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "जिस दिन हमला हुआ उस दिन मैं एक बंधक के परिवार से मिलने गया था. वे संघर्षविराम की उम्मीद लगाए बैठे हैं. इसके अलावा उनके पास दूसरी कोई उम्मीद बाकी नहीं रह गई."

कतर ने सालों से हमास के नेताओं को दोहा में जगह दी है. मिस्र के साथ मिलकर वह गाजा में चल रहे युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभा रहा है. प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन गुरुवार को संघर्षविराम के सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक में भी हिस्सा लेने वाले थे.

उधर, इस्राएली प्रधानमंत्री नेतन्याहू लगातार इस हमले का बचाव करते दिखे हैं. उन्होंने कहा है कि कतर और दूसरे देश जो आतंकियों को पनाह देते हैं वे उन्हें या तो बाहर निकालें या सजा दें. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो इस्रायल उन्हें सजा देगा.

इस बयान को कतर के विदेश मंत्रालय ने भविष्य में कतर की क्षेत्रीय संप्रभुता के लिए खतरा बताया है. साथ ही कहा है कि यह दोहा पर इस्रायल के कायराना हमले को सही ठहराने की एक शर्मनाक कोशिश है.

दोहा पर हुए हमले की कई देशों ने आलोचना की है. खासकर ट्रंप ने कहा कि वे इस हमले से बेहद नाराज हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने भी यह जानकारी दी है कि नेतन्याहू की तरफ से उन्हें इस हमले की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी.

विदेश मंत्रालय ने कहा, रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों से दूर रहें भारतीय

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सभी भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों से दूर रहें क्योंकि यह खतरे से भरा रास्ता है. जायसवाल ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि हमने हाल ही में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों के भर्ती होने से जुड़ी रिपोर्टें देखी हैं.

उन्होंने आगे कहा कि सरकार पहले भी इसमें शामिल खतरों के बारे में बताकर भारतीय नागरिकों को सावधान कर चुकी है. उन्होंने कहा, "हमने दिल्ली और मॉस्को, दोनों जगह पर रूसी अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया है और कहा है कि इस प्रक्रिया को बंद कर दिया जाए और हमारे (भारतीय) नागरिकों को छोड़ा जाए. हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के साथ भी संपर्क में हैं.”

विदेश मंत्रालय ने 24 जुलाई, 2025 को राज्यसभा में बताया था कि एक समय पर रूसी सेना में 127 भारतीय नागरिक थे, लेकिन भारत और रूस सरकार के बीच हुई लगातार बातचीत के बाद 98 नागरिक सेना से अलग हो गए थे. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 13 भारतीय नागरिक रूसी सेना में बने हुए थे, जिनमें से 12 नागरिकों के लापता होने की सूचना रूसी पक्ष द्वारा दी गई थी.

पोलैंड ने चेताया, खुले संघर्ष की ओर बढ़ रहे हैं रूस और यूरोप

अपने एयरस्पेस में रूसी ड्रोनों के आने के बाद पोलैंड ने चेतावनी दी है कि रूस और यूरोप खुले संघर्ष की ओर बढ़ रहे हैं. प्रधानमंत्री डॉनल्ड टस्क ने बताया कि पोलैंड के एयरस्पेस का कुल 19 बार उल्लंघन किया गया. साथी देशों के लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर पोलैंड ने कुल तीन ड्रोन मार गिराए. संसद को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए फिलहाल हम कह सकते हैं कि पोलैंड युद्ध की स्थिति में नहीं हैं.

हालांकि, रूस ने पोलैंड पर हमला करने के दावे को खारिज किया है. रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पोलैंड यूक्रेन युद्ध को बढ़ाने के लिए झूठ फैला रहा है. वॉरसा में रूसी दूतावास ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि पोलैंड के एयरस्पेस का जिन 'चीजों' ने उल्लंघन किया, उसका अब तक कोई सबूत उनकी तरफ से नहीं दिया गया है.

वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस घटना को लेकर पश्चिमी नेताओं पर कोई कार्रवाई ना करने के लिए नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "रूस हमारी क्षमता जांच रहा है. वह देख रहा है कि नाटो देशों की सेनाएं किस तरह प्रतिक्रिया देती हैं." उन्होंने यूरोप के साथ मिलकर एक साझा एयर डिफेंस सिस्टम बनाने का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा, "जब पहले से ही दर्जनों ड्रोन मौजूद हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं दे सकता कि भविष्य में सैंकड़ो ड्रोन नहीं होंगे. यूरोप साथ मिलकर ही इनसे सुरक्षा सुनिश्चित सकता है."

क्या भारत और चीन पर भारी टैरिफ लगाएगा यूरोपीय संघ

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि यूरोपीय संघ द्वारा भारत और चीन पर भारी टैरिफ लगाए जाने की संभावना बेहद कम है. भारत और चीन, रूसी तेल के प्रमुख ग्राहक हैं. इसके चलते, राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस पर दबाव बनाने के लिए यूरोपीय संघ से अपील की थी कि वे इन दोनों देशों पर 100फीसदी टैरिफ लगाएं. हालांकि, ऐसा होना मुश्किल दिख रहा है.

सूत्रों ने रॉयटर्स से कहा, “ईयू टैरिफों का प्रतिबंधों की तरह इस्तेमाल नहीं करता है. ईयू जांच के जरिए एक ठोस कानूनी वजह स्थापित करने के बाद ही टैरिफों को लागू करता है और ये जांच आम तौर पर महीनों तक चलती है.” ईयू के एक राजनयिक ने कहा, “अभी तक भारत या चीन पर संभावित टैरिफ लगाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है.”

इसके अलावा, ईयू और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर भी बातचीत चल रही है, इसलिए ऐसा कोई कदम उठाकर ईयू बातचीत को पटरी से उतारना भी नहीं चाहेगा. हालांकि, ईयू 12 सितंबर को प्रतिबंधों का 19वां पैकेज जारी कर सकता है, जिसमें मध्य एशिया की दो बैंकों और चीनी रिफाइनरियों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

पीएम मोदी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को दी जन्मदिन की बधाई

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत आज यानी 11 सितंबर को 75 वर्ष के हो गए हैं. इस मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ब्लॉग लिखकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने लिखा, “मैं भागवत जी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उन्हें दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें.”

उन्होंने आगे लिखा, “हम स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमारे पास मोहन भागवत जी जैसे दूरदर्शी और परिश्रमी सरसंघचालक हैं, जो ऐसे समय में संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं. एक युवा स्वयंसेवक से लेकर सरसंघचालक तक की उनकी जीवन यात्रा उनकी निष्ठा और वैचारिक दृढ़ता को दर्शाती है. पीएम मोदी ने यह भी लिखा कि उनके नेतृत्व में संघ कार्य का निरंतर विस्तार हो रहा है.”

मोहन भागवत का 75वां जन्मदिन इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि उन्होंने कुछ समय पहले नेताओं के रिटायर होने से जुड़ा एक बयान दिया था. उन्होंने इशारों-इशारों में कहा था कि नेताओं को 75 साल का होने के बाद रिटायर हो जाना चाहिए. कई जानकारों ने इस बयान को पीएम मोदी के लिए इशारा माना था, जो 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे. कई विपक्षी नेताओं ने तब चुटकी लेते हुए कहा था कि भागवत और मोदी दोनों को अब रिटायर हो जाना चाहिए.

हालांकि, कुछ दिनों पहले ही भागवत ने अपने इस बयान पर सफाई दी. उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि मैं रिटायर हो जाऊंगा या किसी और को 75 साल का होने पर रिटायर हो जाना चाहिए. हम स्वंयसेवक हैं, हमें एक काम दिया गया है और हम इसे ना नहीं कह सकते. संघ में इसकी अनुमति नहीं है. मैं तब तक काम करूंगा, जब तक यह संगठन चाहेगा.”

चार्ली कर्क की हत्या के बाद शोक में डूबे राष्ट्रपति ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के करीबी और कंजर्वेटिव मीडिया हस्ती चार्ली कर्क की बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गई. यह घटना तब हुई जब वह यूटा के एक कॉलेज में भाषण दे रहे थे. गोली सीधा उनके गले में जा लगी जिसके बाद उनकी मौत हो गई. 31 वर्षीय कर्क को ट्रंप का बेहद भरोसेमंद और करीबी साझेदार माना जाता था. उनकी हत्या की चौतरफा आलोचना की जा रही है.

राष्ट्रपति ट्रंप ने कर्क की हत्या को अमेरिका के लिए एक काला दिन बताया. उन्होंने यह भी कहा कि वह गुस्से और दुख से भरे हुए हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी के भी कई नेताओं ने इस हत्या को कायराना हरकत कहा है. पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा है कि अमेरिका में इस तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं है. वहीं ओबामा ने इसे घिनौनी हरकत बताया और कहा कि उनका परिवार कर्क के परिवार के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

उनकी मौत के शोक में ट्रंप आदेश दिया है कि सभी जगह अमेरिकी ध्वज रविवार शाम 6 बजे तक आधे झुके रहेंगे. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा कि अमेरिका को कर्क से बेहतर कोई नहीं समझ सकता था. वह युवा दिलों के चहते थे, उन्हें सब प्यार करते थे.

ट्रंप के चुनावी अभियान ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगैन’ में युवाओं को शामिल करने में कर्क ने अहम भूमिका निभाई थी. वह अमेरिकी कॉलेजों में ओपन एयर डिबेट करवाने के लिए मशहूर थे. उन्होंने उनके इस अभियान पर एक किताब भी लिखी थी. उटा की पुलिस हत्यारे की खोज में लग गई है. दो लोगों को शक के आधार पर गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. पुलिस को शक है कि कर्क को गोली छत से मारी गई. हत्या के बाद कॉलेज कैंपस को बंद कर दिया गया है.


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