नेपाल प्रदर्शन: 10 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, केपी ओली देश छोड़कर भाग सकते हैं दुबई
नेपाल की सियासत में तूफ़ान आ गया है। देश के युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। उनके प्रदर्शन की शुरुआत तो हुई थी ओली सरकार के खिलाफ लेकिन अब इस्तीफे की उठती मांग के बीच खबर आ रही है कि पीएम के पी ओली देश छोड़कर दुबई भाग सकते हैं

नेपाल: प्रदर्शन के चलते 10 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, केपी ओली के आ रहे दुबई भागने के संकेत
काठमांडू : नेपाल की सियासत में तूफ़ान आ गया है। अचानक से ओली सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि देश के युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। उनके प्रदर्शन की शुरुआत तो हुई थी ओली सरकार के खिलाफ लेकिन अब वो पीएमओली को सत्ता से ही उखाड़ फेंकने पर तुल गए हैं। इस्तीफे की उठती मांग के बीच खबर आ रही है कि पीएम के पी ओली देश छोड़कर दुबई भाग सकते हैं। इसके लिए नेपाल की निजी एयरलाइन हिमालय एयरलाइंस को स्टैंडबाय रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने उपप्रधानमंत्री को कार्यवाहक जिम्मेदारी भी सौंप दी है। इन हालात में पीएम का देश छोड़ना कई चर्चाओं को बल दे रहा है।
GEN-Z प्रदर्शनकारी पीएम के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। काठमांडू में संसद भवन के बाहर उनका प्रदर्शन आज भी जारी है और प्रधानमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही है जबकि बीती रात ही नेपाल के संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने घोषणा कर दी कि सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला वापस ले लिया गया है।
हालांकि उन्होंने आगे ये भी कहा कि सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद करने को लेकर पहले लिए गए फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। इस मुद्दे को बहाने के तौर पर इस्तेमाल करके विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे, इसलिए सोशल मीडिया साइटों को फिर से खोलने का फैसला लिया गया है।
दरअसल, 4 सितंबर से ओली सरकार ने देश में 26 सोशल मीडिया अप्प्स जैसे वाट्सएप्प, फेसबुक, एक्स, इन सब पर बैन लगा दिया क्योंकि ये प्लेटफॉर्म्स सरकार के पास रजिस्टर्ड नहीं थे। जिसपर देश के युवा भड़क उठे..उन्होंने संसद को ही घेर लिया। जमकर तोड़-फोड़ की..हालात पर काबू पाने के लिए सेना ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग भी की। जिसमे 19 लोगों के जान जाने की खबर है और 300 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। कई शहरों में सरकार की तरफ से कर्फ्यू लागू किया गया था। बढ़ते प्रदर्शन को देख सरकार को सरेंडर करना पड़ा। इसके बावजूद देश में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। प्रदर्शनकारी अब पीएम ओली के इस्तीफे की मांग पर डटे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के घर, कम्युनिस्ट पार्टी मुख्यालय पर कब्ज़ा कर लिया है। उन्होंने नेपाली कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में आग लगा दी, यही नहीं नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा, पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड, सूचना एवं संचार मंत्री के निजी निवास को भी फूंक दिया।
इन हालातों में नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने पहले ही देश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। और अब एक के बाद एक इस्तीफों की लाइन लग गई है। कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल, वाटर सप्लाई मंत्री प्रदीप यादव समेत अब तक 10 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है।
भारी दबाव के बीच नेपाल में गठबंधन सरकार टूटने का खतरा बढ़ गया है। देश में जुलाई 2024 से 88 सीटें वाली शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस और 79 सीटें वाली केपी शर्मा ओली की CPN (UML) मिलकर सरकार चला रही है। अभी तक सभी इस्तीफे नेपाली कांग्रेस के नेताओं ने दिए हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 सांसदों ने सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला किया है। पार्टी का कहना है कि मौजूदा हालात में संसद भंग कर नए चुनाव कराए जाएं ताकि जनता को सही विकल्प मिल सके।
इस गंभीर संकट के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आज शाम छह बजे सर्वदलीय बैठक बुलाने का ऐलान किया है। साफ़ है, अब पीएम ओली की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या श्रीलंका और बांग्लादेश की ही तरह नेपाल में भी युवा सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं। इस बीच भारत सरकार की तरफ से भी एडवाइसरी जारी की गई है। सरकार नेपाल के मौजूदा हालात पर नजर बनाए हुए हैं.. विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।


