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नेपाल में बीमा नियामक ने आतंकवादी संगठनों की संपत्तियां फ्रीज करने का आदेश दिया

नेपाल के बीमा नियामक ने देश में संचालित सभी बीमा कंपनियों को निर्देश दिया कि वे आतंकवाद से जुड़े संगठनों और व्यक्तियों की संपत्तियों को फ्रीज करें

नेपाल में बीमा नियामक ने आतंकवादी संगठनों की संपत्तियां फ्रीज करने का आदेश दिया
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काठमांडू। नेपाल के बीमा नियामक ने देश में संचालित सभी बीमा कंपनियों को निर्देश दिया कि वे आतंकवाद से जुड़े संगठनों और व्यक्तियों की संपत्तियों को फ्रीज करें और उन्हें बीमा सेवाएं उपलब्ध न कराएं। यह कदम नेपाल को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर किए जाने के प्रयासों के तहत उठाया गया है।

एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में नेपाल का नाम इसलिए शामिल है क्योंकि देश आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ लक्षित वित्तीय प्रतिबंध (टीएफएस) लागू करने में कमजोर पाया गया है। नेपाल को फरवरी 2024 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था और अक्टूबर में इस सूची में उसकी अवधि बढ़ा दी गई।

एफएटीएफ के अनुसार, ग्रे लिस्ट में शामिल देश वे होते हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद वित्तपोषण और हथियारों के प्रसार को रोकने से जुड़े ढांचागत सुधारों पर एफएटीएफ के साथ मिलकर काम कर रहे होते हैं। हालांकि इन देशों के लिए एफएटीएफ अतिरिक्त सतर्कता लागू करने का निर्देश नहीं देता।

नेपाल के बीमा नियामक "इंश्योरेंस अथॉरिटी" ने हाल ही में "बीमा कंपनियों के लिए लक्षित वित्तीय प्रतिबंध दिशानिर्देश-2025" जारी कर बीमा कंपनियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों की संपत्तियों को तत्काल फ्रीज करने और उन्हें किसी भी प्रकार की बीमा सेवा देने से रोकने का आदेश दिया है।

यूएनएससी की सूची में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हरकत-उल-जिहाद इस्लामी जैसे संगठन शामिल हैं, जिन पर भारत में आतंकवादी हमले करने के आरोप हैं।

नियामक के अनुसार, संपत्ति फ्रीज करने में उन व्यक्तियों/संगठनों से संबंधित सभी वित्तीय लेनदेन रोकना शामिल है, जैसे बीमा पॉलिसी जारी करना, दावा निपटान, धन का स्थानांतरण या किसी भी प्रकार की बीमा सेवा प्रदान करना। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन व्यक्तियों/संगठनों को किसी भी रूप में वित्तीय संसाधन या सेवाएं न मिलें।

नियामक ने कहा कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नामित व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने, आतंकवाद को समर्थन देने या हथियारों के प्रसार के लिए वित्त जुटाने में सक्षम न हों।


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