महान विंटर स्पोर्ट्स खिलाड़ी, कारोकोरम के पहाड़ों में लापता
सबसे कड़े खेल मुकाबलों में स्वर्ण पदकों की झड़ी लगा देने वाली जर्मन खिलाड़ी लॉरा डालमायर, पाकिस्तान में अब भी लापता हैं. लाइला पीक पर चढ़ाई के दौरान एक चट्टानी टुकड़े ने 31 साल की लॉरा को पूरी टीम से जुदा कर दिया

जर्मन खिलाड़ी लॉरा डालमायर काराकोरम के पहाड़ों में लापता
सबसे कड़े खेल मुकाबलों में स्वर्ण पदकों की झड़ी लगा देने वाली जर्मन खिलाड़ी लॉरा डालमायर, पाकिस्तान में अब भी लापता हैं. लाइला पीक पर चढ़ाई के दौरान एक चट्टानी टुकड़े ने 31 साल की लॉरा को पूरी टीम से जुदा कर दिया.
पाकिस्तान में काराकोरम रेंज की लाइला चोटी पर मंगलवार को हादसे का शिकार हुई लॉरा डालमायर को खोजने में खासी मुश्किलें आ रही हैं. पाकिस्तानी सेना और पर्वतारोहियों ने हेलिकॉप्टर की मदद से डालमायर को खोजने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.
सुबह 5:00 बजे शुरू किए गए सर्च अभियान को बुधवार दोपहर खराब मौसम के कारण कुछ देर रोकना भी पड़ा. इस बीच जर्मनी में भी कुछ पर्वतारोही पाकिस्तान रवाना हुए हैं. वे डालमायर का सुराग लगाने और उन्हें सुरक्षित जगह तक लाने में मदद करेंगे. कई दिग्गज पर्वतारोहियों के मुताबिक डालमायर के जीवित बचने की आशा ना के बराबर है.
वह न्यूनतम साजो-सामान के साथ होने वाले अल्पाइन स्टाइल पर्वतारोहण अभियान पर निकली थीं. गंभीर रूप से घायल होने के बाद खुले आसमान के नीचे हाड़ कंपाने वाली सर्द रात में जीवित बचने की संभावना बहुत कम होती है. जर्मन, ऑस्ट्रियन और स्विस मीडिया में उनके बारे में गमगीन खबरें भी चल रही हैं.
कैसे हादसे का शिकार हुईं लॉरा डालमायर
29 जुलाई को अपने साथियों के साथ लाइला चोटी की चढ़ाई के दौरान लॉरा डालमायर पर चट्टान का एक टुकड़ा गिरा. स्थानीय टूर ऑपरेटर मोहम्मद इकबाल के मुताबिक, हादसे के वक्त लॉरा 5,700 मीटर की ऊंचाई पर थीं. लॉरा की क्लाइंबिंग पार्टनर मरीना इफा भी चट्टान की चपेट में आईं, लेकिन उन्हें अन्य पर्वतारोहियों और पोर्टरों ने बचा लिया. जख्मी मरीना फिलहाल बेस कैंप में हैं. मरीना के मुताबिक, चट्टान की चपेट में आने के बाद डालमायर को दोबारा नहीं देखा गया.
पाकिस्तानी पर्वतारोहियों के संगठन अल-पाइन क्लब ऑफ पाकिस्तान के करार हैदरी के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के हेलीकॉप्टर ने रेस्क्यू टीम को हादसे वाली जगह पर उतारा भी, लेकिन 24 घंटे बाद भी वहां किसी के जीवित होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
अल-पाइन क्लब, पाकिस्तान में पर्वतारोहण की गतिविधियों को संचालित और नियंत्रित करता है. हादसे के अगले दिन जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए से बात करते हुए इकबाल ने कहा, "हो सकता है कि वह खाई में गिर गई हों. आज फिर दो अमेरिकी पर्वतारोहियों और लोकल पोर्टरों को डालमायर की खोज में एयरड्रॉप किया जाएगा."
कौन हैं लॉरा डालमायर
पर्वतारोहण और बर्फ से जुड़े साहसिक खेलों में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के बीच लॉरा डालमायर सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक ख्याति हैं. 22 साल की उम्र में ही वह बाएथलॉन जैसी कड़ी खेल प्रतियोगिता में दुनिया को जीत चुकी थीं.
बाएथलॉन एक खेल है, जिसमें खिलाड़ी को एक बर्फीले ट्रैक पर कई किलोमीटर स्कीईंग करते हुए बीच बीच में खड़े होकर, बैठकर और लेटकर बंदूक से निशाने भी लगाने होते हैं. सबसे तेजी से स्कीईंग करने के साथ ज्यादा सटीक निशाने लगाने वाला खिलाड़ी चैंपियन बनता है.
डालमायर, इस खेल में दो ओलंपिक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. 2018 में दक्षिण कोरिया में हुए शीतकालीन विंटर ओलंपिक में उन्होंने ये दोनों स्वर्ण पदक कुछ घंटों के अंतराल में जीते.
बर्फ और पर्वतारोहण से जुड़े साहसिक खेलों में भी डालमायर के नाम कुल 17 स्वर्ण, 6 रजत और 11 कांस्य पदक थे. 2019 में पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर साहसिक खेलों से संन्यास लेने तक उनके नाम कुल 33 वर्ल्ड कप जीतें थीं. इनमें से 20 एकल जीतें थीं.
जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, इटली, फ्रांस, फिनलैंड और नॉर्वे के कई इलाकों में लॉरा डालमायर, साहसिक खेलों में रुचि रखने वाली बच्चियों के लिए खास तौर पर एक मिसाल थीं. 1993 में दक्षिणी जर्मनी के गारमिष-पार्टनकिर्षन में जन्मी डालमायर ने पेशेवर खेलों से संन्यास लेने के बाद पर्वतारोहण और स्कीईंग की सर्टिफाइड गाइडिंग शुरू की.
इसी सिलसिले में वह जून 2025 के अंत में पाकिस्तान की काराकोरम रेंज में पहुंची. जुलाई की शुरुआत में अपने दोस्तों के साथ लारा ने 6,287 मीटर ऊंची ग्रेट ट्रांगो टावर चोटी फतह की. इसके कुछ हफ्तों बाद वे 6,069 मीटर ऊंची लाइला पीक की चढ़ाई पर निकलीं, तब से उनका कोई अता पता नहीं है.


