Top
Begin typing your search above and press return to search.

जापान का अगला पीएम कौन ? ताकाइची, कोइज़ुमी, हयाशी या मोटेगी

जापान के पूर्व विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के इस्तीफे के फैसले के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष चुनाव में भाग लेने की योजना बना रहे हैं। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के भीतर बढ़ते असंतोष के बीच जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार शाम को अपना पद छोड़ने का ऐलान किया था

जापान का अगला पीएम कौन ? ताकाइची, कोइज़ुमी, हयाशी या मोटेगी
X

आखिर कौन बनेगा जापान का PM? ताकाइची, कोइज़ुमी, हयाशी या मोटेगी भी एलडीपी नेतृत्व की दौड़ में शामिल

जापान के पूर्व विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी अध्यक्ष चुनाव में भाग लेने की बना रहे योजना

टोक्यो। जापान के पूर्व विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के इस्तीफे के फैसले के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष चुनाव में भाग लेने की योजना बना रहे हैं।

लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के भीतर बढ़ते असंतोष के बीच जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार शाम को अपना पद छोड़ने का ऐलान किया था।

जुलाई में हुए उच्च सदन के चुनाव में हार के बाद एलडीपी-कोमेइतो गठबंधन ने अपना बहुमत खो दिया था।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सोमवार को क्योडो न्यूज के हवाले से खबर दी। क्योडो न्यूज ने पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया कि पार्टी की चुनावी हार की जिम्मेदारी लेने की बढ़ती मांग के बीच शिगेरु इशिबा ने यह कदम उठाया।

मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने भी चुनाव लड़ने का किया फैसला

सूत्रों के मुताबिक मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उम्मीद है कि एलडीपी मंगलवार तक मतदान प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी। तोशिमित्सु मोटेगी और योशिमासा हयाशी दोनों पिछले साल की नेतृत्व की दौड़ में शामिल थे। अनुभवी राजनेता मोटेगी एलडीपी के नीति प्रमुख भी रह चुके हैं।

दावेदारों में पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची और कृषि मंत्री शिंजीरो कोइज़ुमी भी शामिल

अन्य संभावित दावेदारों में पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची और कृषि मंत्री शिंजीरो कोइज़ुमी भी शामिल हैं।

जुलाई में हुए चुनाव में एलडीपी को मिली हार 2024 के प्रतिनिधि सभा चुनाव में भी इसी तरह के नतीजों के बाद आई है, जिससे सत्तारूढ़ गुट संसद के दोनों सदनों में अल्पमत में आ गया है। 1955 में एलडीपी की स्थापना के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है।

इससे पहले खबर आई थी कि पार्टी के प्रेसिडेंशियल चुनाव की वकालत करने वाले सांसद सोमवार को एलडीपी मुख्यालय जाएंगे और अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए एक पत्र प्रस्तुत करेंगे।

नियम कहते हैं कि अगर पार्टी के अधिकांश सांसद और पार्टी के प्रीफेक्चुरल चैप्टर जल्द चुनाव के पक्ष में हैं तो पार्टी को चुनाव कराना होगा।

इशिबा के इस्तीफे के बाद पार्टी को उनके उत्तराधिकारी नामित करने के लिए चुनाव कराना होगा।

एलडीपी अध्यक्ष चुने जाने के कुछ ही दिनों बाद इशिबा पिछले साल 1 अक्टूबर को प्रधानमंत्री बने थे।

पिछले अक्टूबर में निचले सदन के चुनाव में एलडीपी के बहुमत खोने के बाद इशिबा अल्पमत सरकार चलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it