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इजरायली पीएम नेतन्याहू ने हमास को निरस्त्र करने का संकल्प दोहराया, बोले- मुझे किसी के दबाव या भाषणों की जरूरत नहीं"

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में हमास को निरस्त्र करने और किसी भी कीमत पर स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य स्थापित न होने देने का संकल्प दोहराया

इजरायली पीएम नेतन्याहू ने हमास को निरस्त्र करने का संकल्प दोहराया, बोले- मुझे किसी के दबाव या भाषणों की जरूरत नहीं
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नेतन्याहू ने हमास को निरस्त्र करने की फिर ली शपथ, बोले- मुझे किसी का भाषण नहीं सुनना

तेल अवीव। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में हमास को निरस्त्र करने और किसी भी कीमत पर स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य स्थापित न होने देने का संकल्प दोहराया।

इस कैबिनेट मीटिंग को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी किया। ये बयान ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिका हमास को निरस्त्र करने की योजना बनाने से पहले गाजा के कुछ हिस्सों के पुनर्निर्माण पर विचार कर रहा है।

गाजा के हमास-नियंत्रित हिस्सों के "डी-मिलिटराइजेशन" पर बात करते हुए, नेतन्याहू ने शुरुआत में कहा कि "ऐसा कुछ नहीं होगा।"

उन्होंने कहा, "20-सूत्रीय योजना में, और किसी भी अन्य स्थिति में, इस क्षेत्र का सैन्यीकरण किया जाएगा और हमास को निरस्त्र किया जाएगा - चाहे आसान तरीके से हो या कठिन तरीके से। यही मैंने कहा है, और यही राष्ट्रपति ट्रंप ने भी कहा है।"

नेतन्याहू की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा योजना का समर्थन करने वाले प्रस्ताव पर होने वाली संभावित वोटिंग से पहले आई है। कथित तौर पर यह प्रस्ताव एक फिलिस्तीनी राज्य की ओर एक "विश्वसनीय मार्ग" के निर्माण का भी समर्थन करता है।

नेतन्याहू कहते हैं, "जॉर्डन नदी के पश्चिम में कहीं भी फिलिस्तीनी राज्य के प्रति हमारा विरोध कायम है, दृढ़ है और इसमें जरा भी बदलाव नहीं आया है। मैं दशकों से इन प्रयासों का विरोध करता आ रहा हूं। मैं बाहरी और आंतरिक दबाव का भी विरोध करता हूं। मुझे किसी के दबाव, ट्वीट या भाषणों की जरूरत नहीं है।"

बता दें, कि नेतन्याहू के दो अति-दक्षिणपंथी सहयोगियों ने शनिवार रात उनसे सार्वजनिक रूप से स्पष्ट बयान देने का आग्रह किया था कि वो कहें कि इजरायल फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को कभी स्वीकार नहीं करेगा।

शुक्रवार को अमेरिका और कुछ अरब देशों ने मिलकर संयुक्त बयान जारी किया था। इसमें यूएनएससी से अमेरिका के गाजा शांति योजना को लेकर प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी देने का आग्रह किया गया था।


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