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इजरायल गाजा पर शासन करना नहीं चाहता, बस हमास को खत्म करना उद्देश्य: पीएम नेतन्याहू

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि उनका देश गाजा पट्टी पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण लेने की योजना तो बना रहा है, लेकिन वह इस पर शासन करने की मंशा नहीं रखता है

इजरायल गाजा पर शासन करना नहीं चाहता, बस हमास को खत्म करना उद्देश्य: पीएम नेतन्याहू
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गाजा पर नियंत्रण रखना चाहता है इजरायल लेकिन शासन नहीं- नेतन्याहू

तेल अवीव। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि उनका देश गाजा पट्टी पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण लेने की योजना तो बना रहा है, लेकिन वह इस पर शासन करने की मंशा नहीं रखता है।

नेतन्याहू ने अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में ये बातें कहीं। फॉक्स न्यूज से उन्होंने कहा कि गाजा को हमास से मुक्त करने और वहां की आबादी को सुरक्षित करने के लिए इजरायल पूरे 26 मील के क्षेत्र पर नियंत्रण लेगा।

उन्होंने कहा, "हम इसे रखना नहीं चाहते। हम एक सुरक्षा परिधि बनाएंगे, लेकिन हम इसे शासकीय निकाय के रूप में नियंत्रित नहीं करना चाहते।"

नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल गाजा को एक ऐसी अरब शक्ति को सौंपना चाहता है जो उचित शासन करे, इजरायल के लिए खतरा न बने और गाजा के लोगों को बेहतर जीवन प्रदान करे।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न तो हमास और न ही फिलिस्तीनी अथॉरिटी (पीए) को गाजा का नियंत्रण दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य गाजा पर कब्जा करना या उसे अपने साथ मिलाना नहीं है। हमारा उद्देश्य हमास को नष्ट करना, बंधकों को वापस लाना और फिर गाजा को एक अस्थायी सरकार के हवाले करना है जो न तो हमास हो और न ही कोई ऐसा समूह जो इजरायल के विनाश की वकालत करता हो।"

नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल सुरक्षा प्रदान करेगा और एक सुरक्षा परिधि स्थापित करेगा। उन्होंने दावा किया कि अगर हमास हथियार डाल दे और बंधकों को रिहा कर दे, तो युद्ध कल ही खत्म हो सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि गाजा के कुछ फिलिस्तीनी भी हमास के खिलाफ लड़ रहे हैं।

हालांकि, नेतन्याहू के बयानों को हमास ने पूरी तरह खारिज कर दिया। जॉर्डन ने भी कहा कि वह गाजा के भविष्य के लिए केवल वही फैसले स्वीकार करेगा जो फिलिस्तीनियों की सहमति से हों।

अरब देशों ने गाजा के पुनर्निर्माण में मदद की इच्छा जताई है, लेकिन उन्होंने पीए की भागीदारी को अनिवार्य बताया है, क्योंकि वे वेस्ट बैंक और गाजा में एक ही शासकीय निकाय के जरिए दो-राज्य समाधान की दिशा में काम करना चाहते हैं।

नेतन्याहू ने फिलिस्तीनी अथॉरिटी की भूमिका को खारिज कर दिया है और हमास के लिए कोई व्यवहार्य विकल्प पेश करने से भी इनकार किया है, जिसके कारण आलोचकों का कहना है कि युद्ध अनावश्यक रूप से लंबा खिंच रहा है।

नेतन्याहू का तर्क है कि हमास को पूरी तरह परास्त किए बिना कोई विकल्प गाजा में टिक नहीं पाएगा।


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