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पीएम मोदी के ओमान दौरे पर एफटीए पर रहेगा फोकस : इंडस्ट्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ओमान को काफी उम्मीदें और इसमें भारत-ओमान के बीच फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर मोहर लगने की उम्मीद है

पीएम मोदी के ओमान दौरे पर एफटीए पर रहेगा फोकस : इंडस्ट्री
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मस्कट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ओमान को काफी उम्मीदें और इसमें भारत-ओमान के बीच फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर मोहर लगने की उम्मीद है। यह बयान ओमान में ईवाई के टैक्स पार्टनर अल्केश जोशी ने मंगलवार को दी।

उन्होंने आगे कहा, "पीएम मोदी के दौरे का हम सभी काफी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस दौरे पर फोकस भारत-ओमान के बीच एफटीए पर होगा और इसे लेकर ओमान में काफी चर्चा है। मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच व्यापार 10.5 अरब डॉलर का है। जैसे ही यह एग्रीमेंट अमल में आएगा, दोनों देशों के बीच व्यापार अगले दो से तीन वर्षों में दोगुना हो सकता है और इसमें दोनों पक्षों के व्यापारियों को मौका मिलेगा।

जोशी ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध काफी पुराने हैं। हाल ही में ओमान में शूर के पास एक गांव में हड़प्पा के समय की चीजें मिली हैं, जो दिखाता है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध 4 से 5 हजार साल पुराने हैं।

इससे पहले समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए अल अंसारी ग्रुप के संस्थापक और ग्रुप एमडी किरन अशर ने पीएम मोदी आने वाली यात्रा को लेकर कहा कि इस यात्रा का ओमान को काफी समय से इंतजार था। हमें इस यात्रा से काफी उम्मीदें हैं। इससे वाणिज्य और आर्थिक दोनों प्रकार के संबंध भारत और ओमान के बीच में मजबूत होंगे।

उन्होंने आगे कि भारत-ओमान के बीच रिश्ते करीब 5,000 वर्ष से भी ज्यादा पुराने हैं। दोनों देश एक-दूसरे का काफी सम्मान करते हैं। साथ ही कहा कि आज के दौर में भारत एक ऐसा देश है, जिसे कोई नजरंदाज नहीं कर सकता है।

अशर ने बताया कि बीते 11 वर्षों में ओमान के आर्थिक हालातों में काफी अंतर आया है और अब यह पहले जैसे नहीं है। वर्तमान में यहां 7 लाख के करीब भारतीय हैं, लेकिन पहले यह आंकड़ा 10 लाख से ज्यादा होता था।

प्रधानमंत्री मोदी अपने 15-18 दिसंबर तक के दौरे के अंतिम चरण में महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर 17 से 18 दिसंबर तक दूसरी बार ओमान का दौरा करेंगे। भारत और ओमान के बीच दीर्घकालिक और बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी है, जो मजबूत व्यापारिक संबंधों, ऊर्जा सहयोग और सांस्कृतिक जुड़ावों द्वारा समर्थित है।


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