जर्मनी के राष्ट्रीय रेलवे को मिलेगी पहली महिला सीईओ
जर्मनी के राष्ट्रीय रेल ऑपरेटर डॉयचे बान की पहली महिला सीईओ एवलिन पाला होंगी. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, परिवहन मंत्री पैट्रिक श्नाइडर इसकी औपचारिक घोषणा सोमवार को करेंगे

जर्मनी के राष्ट्रीय रेल ऑपरेटर डॉयचे बान की पहली महिला सीईओ एवलिन पाला होंगी. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, परिवहन मंत्री पैट्रिक श्नाइडर इसकी औपचारिक घोषणा सोमवार को करेंगे.
लंबे समय से ट्रेनों में देरी और रद्द होने की समस्या से जूझ रहे जर्मनी के राष्ट्रीय रेल ऑपरेटर डॉयचे बान को पहली महिला सीईओ मिलने वाली है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एवलिन पाला संकट से जूझ रही कंपनी की नई प्रमुख बनेंगी, जिन्हें इसकी खराब होती स्थिति को सुधारने की चुनौती का सामना करना होगा. हालांकि, सरकार या डॉयचे बान की तरफ से इस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
कौन हैं एवलिन पाला
52 साल की एवलिन पाला इटली से आती हैं. 2019 से वह डॉयचे बान के साथ काम कर रही हैं. इससे पहले वह इन्फिनिऑन, ईऑन और ऑस्ट्रियाई रेलवे ऑपरेटर ओबेबे जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम कर चुकी हैं. डॉयचे बान में वह पहले कंपनी की क्षेत्रीय सहायक इकाई, डीबी रेगियो का नेतृत्व कर रही थीं.
जर्मनी का राष्ट्रीय रेल ऑपरेटर डॉयचे बान लंबे समय से ट्रेनों में देरी और रद्द होने की समस्याओं से जूझ रहा है. कंपनी ने इसके लिए पुराने और ओवरलोडेड बुनियादी ढांचे को जिम्मेदार ठहराया है. 2024 में, कंपनी को ट्रेनों में देरी और रद्द होने के कारण यात्रियों को मुआवजे के रूप में 19.7 करोड़ यूरो (लगभग 20 अरब रुपये) का भुगतान करना पड़ा था.
मई में सत्ता में आने के बाद, चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने डॉयचे बान के प्रबंधन को पुनर्गठित करने और जर्मनी के परिवहन ढांचे का आधुनिकीकरण करने का वादा किया था. एवलिन पाला, रिषार्ड लुत्स की जगह लेंगी, जिन्हें पिछले महीने ही सीईओ पद से हटा दिया गया था.
आगे की चुनौतियां
एवलिन पाला ऐसे समय में डॉयचे बान की कमान संभाल रही हैं जब कंपनी गंभीर संकट से गुजर रही है. अगस्त में, लंबी दूरी की केवल 60 फीसदी ट्रेनें ही समय पर चलीं. बुनियादी ढांचे की खराब हालत को कंपनी की परिचालन कमियों का मुख्य कारण माना जाता है.
परिवहन मंत्री पैट्रिक श्नाइडर ने एवलिन पाला के नाम का प्रस्ताव किया है, लेकिन उनकी नियुक्ति को अभी रेलवे के सुपरवाइजरी बोर्ड द्वारा पुष्ट किया जाना बाकी है, जिसकी अगली बैठक मंगलवार को है. उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को नई रणनीति का भी खुलासा किया जाएगा.
डॉयचे बान वर्षों से आर्थिक रूप से भी संघर्ष कर रही है, हालांकि हाल ही में इसमें थोड़ा सुधार हुआ है. कंपनी ने पटरी पर लौटने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन समय पर सुधार लाने में उसे ज्यादा सफलता नहीं मिली है. यह देखना दिलचस्प होगा कि परिवहन मंत्री के समर्थन के बावजूद एवलिन पाला के लिए कंपनी की हालत को पटरी पर ला पाना कितना संभव होगा, खासकर तब जब रेलवे के लिए बड़े फंड की आवश्यकता है.


