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Epstein Files : एप्सटीन फाइल्स में बड़ा खुलासा, पूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन, माइकल जैक्सन की कई तस्वीरें आई सामने

अमेरिका में सबसे ज़्यादा चर्चित एप्सटीन मामले में सबसे बड़ा खुलासा हो गया है। इस केस की फाइल्स अमेरिकी न्याय विभाग की वेबसाइट पर जारी कर दी गई हैं। जिसमे कई प्रमुख हस्तियों के नाम और तस्वीरें सामने आई हैं

एप्सटीन सेक्स स्कैंडल की नई फाइल्स जारी, दस्तावेज़ों में अबतक का सबसे बड़ा खुलासा

वाशिंगटन : अमेरिका में सबसे ज़्यादा चर्चित एप्सटीन मामले में सबसे बड़ा खुलासा हो गया है। इस केस की फाइल्स अमेरिकी न्याय विभाग की वेबसाइट पर जारी कर दी गई हैं। जिसमे कई प्रमुख हस्तियों के नाम और तस्वीरें सामने आई हैं।

इन सामग्रियों में दर्जनों हार्ड ड्राइव , पुरानी सीडी और कंप्यूटर शामिल हैं। इन तीन लाख दस्तावेजों में इस केस से जुडी ऐसी जानकारियां सामने आई हैं, जो किसी को भी परेशान कर दें ,डॉक्युमेंट्स के एक हिस्से में, गवाह के एक इंटरव्यू की जानकारी सामने आई है, जिसमें गवाह ने "लड़कियों की कमी के कारण हताशा भरे समय" का जिक्र किया था। एक गवाह ने बताया कि एपस्टीन कुछ लाई जाने वाली लड़कियों की अधिक उम्र से परेशान था और उसने जोर देकर कहा कि उसके लिए "युवा" लड़कियां लाई जाएं। जेई को स्पेनिश या सांवली लड़कियां नहीं चाहिए थीं।

इन फाइल्स के सामने आने के बाद अमेरिका की कई बड़ी हस्तियां सवालों से घिर गई हैं क्योंकि इन डॉक्युमेंट्स में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पॉप सिंगर माइकल जैक्सन, हॉलीवुड एक्टर क्रिस टकर, ब्रिटिश प्रिंस एंड्रयू जैसे दिग्गजों की तस्वीरें सामने आई हैं। इन दस्तावेज़ों में कुछ तस्वीरें काफी आपत्तिजनक भी रहीं, जिनके कुछ हिस्से ढक दिए गए।

हालांकि इन तस्वीरों पर क्लिंटन के प्रवक्ता एंजेल उरेना ने ट्रंप प्रशासन पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब आने वाले खतरे से खुद को बचाने या भविष्य में जो कुछ वे छिपाने की कोशिश करेंगे, उससे बचने के लिए किया जा रहा है। इसलिए वे 20 साल से ज़्यादा पुरानी जितनी चाहें उतनी धुंधली तस्वीरें जारी कर सकते हैं, लेकिन यह बिल क्लिंटन से संबंधित नहीं है। जब एपस्टीन के अपराध सामने आए, तब पूर्व राष्ट्रपति और एपस्टीन के बीच कोई संबंध नहीं था।

न्याय विभाग का कहना है कि उसके पास अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि एपस्टीन ने प्रमुख हस्तियों को ब्लैकमेल किया था। यहां गौर करने वाली बात ये है कि सार्वजनिक किए गए ये दस्तावेज़ भी पूरे नहीं हैं, ऐसे में इसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि पहले इन फाइल्स को 17 दिसंबर को जारी करना था, लेकिन अब ये 19 दिसंबर की देर रात जारी की गई।

पूरा डेटा जारी न करने को लेकर सरकार का रुख साफ़ करते हुए उप अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लैंच ने कांग्रेस यानी अमेरिकी संसद को एक ख़त लिखा है, जिसमे उन्होंने साफ़ किया कि कई जानकारियां इसलिए छुपाई गई हैं, क्योंकि ये पीड़िता की असली पहचान, या उनके रिश्तेदारों की पहचान को उजागर कर सकते थे इसलिए कानून का पालन करते हुए ऐसे 1200 से ज़्यादा नामों को हटाया गया है।

ट्रंप प्रशासन ने कुछ जानकारी इसलिए अभी जारी नहीं की है, क्योंकि उनकी जांच फिलहाल चल रही है लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो ये उठ रहा है कि इसमें कई नामी-गरमी हस्तियों का नाम है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कोई ज़िक्र अबतक सामने नहीं आया। जबकि ये मामला इसलिए ही दोबारा चर्चा में आया था क्योंकि, ट्रंप के ही करीबी, उनके doge विभाग के प्रमुख रहे, टेस्ला चीफ एलन मस्क ने दावा किया था कि इन फाइल्स में ट्रंप का नाम भी शामिल है, ऐसे में फाइल्स पब्लिक करने में हुई देरी, फिर पूरी जानकारी शेयर न करना, ये सारी घटनाएं कई सवाल खड़े करती हैं। इन हालात में बिल क्लिंटन की प्रवक्ता ने ट्रंप सरकार पर जो गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्हें बल मिलता नज़र आ रहा है।

डेमोक्रेटिक सांसद रो खन्ना ने भी ट्रंप प्रशासन के रवैये पर निराशा ज़ाहिर की, उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक एपस्टीन से संबंधित सभी गैर-वर्गीकृत दस्तावेजों को जारी करना अनिवार्य है। यह साफ़ है कि उन्होंने इस मानक का पालन नहीं किया है। ऐसे में अब आगे जो भी करने की ज़रूरत होगी, हम उनपर विचार करेंगे।

वहीं सीनेट में अल्पसंख्यक नेता चक शूमर ने इसे "सबूतों के पूरे ढ़ेर का एक छोटा सा हिस्सा" बताया। इस दस्तावेजो को लेकर कुछ पीड़ितों ने भी अपनी निराशा ज़ाहिर की है। दिवंगत बाल शोषणकर्ता के कुछ पीड़ितों ने बताया कि दस्तावेज़ जारी होने के पांच घंटे से ज़्यादा का वक़्त बीत जाने के बाद भी, वे न्याय विभाग की सार्वजनिक " एपस्टीन लाइब्रेरी " में अपने साथ हुए दुर्व्यवहार और मामलों से संबंधित जानकारी खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

बता दें कि जेफ्री एपस्टीन न्यूयॉर्क का करोड़पति फाइनेंसर था। उसकी बड़े नेताओं और सेलिब्रिटीज से दोस्ती थी। उस पर 2005 में नाबालिग लड़की के उत्पीड़न का आरोप लगा। 2008 में इन अपराधों में दोषी ठहराया गया, और 13 महीने की जेल की सजा सुनाई गई। 2019 में जेफ्री को सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया। लेकिन मुकदमे से पहले ही उसने जेल में अपनी जान ले ली। और अब इतने साल बाद इस पूरे मामले के दस्तावेज जारी होने पर ये मामला देश-विदेश में गरमाया हुआ है।


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