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बांग्लादेश : शेख हसीना ने देशवासियों के नाम खुले खत में लिखा- 'संघर्ष जारी है'

बांग्लादेश में मंगलवार को लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अवामी लीग सरकार के पतन के एक वर्ष पूरे होने पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्तमान अंतरिम सरकार की आलोचना की। उन्होंने अन्याय और दमन के खिलाफ खड़े होने के देशवासियों की सराहना की

बांग्लादेश : शेख हसीना ने देशवासियों के नाम खुले खत में लिखा- संघर्ष जारी है
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ढाका। बांग्लादेश में मंगलवार को लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अवामी लीग सरकार के पतन के एक वर्ष पूरे होने पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्तमान अंतरिम सरकार की आलोचना की। उन्होंने अन्याय और दमन के खिलाफ खड़े होने के देशवासियों की सराहना की।

देश की जनता के नाम एक खुले पत्र में, शेख हसीना ने लिखा, "आज से एक साल पहले, हमारे देश ने हमारे कठिन संघर्षों से हासिल लोकतंत्र में हिंसक व्यवधान देखा, जब एक गैर-निर्वाचित शासन ने असंवैधानिक तरीकों से सत्ता हथिया ली। यह हमारे इतिहास का एक काला क्षण था। यह जनता की इच्छा का अपमान और नागरिकों और राज्य के साथ विश्वासघात था।"

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए, हसीना ने लिखा, "भले ही उन्होंने सत्ता हथिया ली हो, लेकिन वे हमारी भावना, हमारे संकल्प या हमारे भाग्य को कभी नहीं छीन पाएंगे। मैं आपको इसका आश्वासन दे सकती हूं।"

उन्होंने बांग्लादेश के लोगों के असाधारण साहस की प्रशंसा की, जिन्होंने 'अन्याय और दमन' के सामने चुप रहने से इनकार कर दिया है।

पत्र में उन्होंने लिखा, "आपने लोकतंत्र, स्वतंत्रता और उस भविष्य के लिए आवाज उठाई, जिसके हम सभी हकदार हैं। मैं आपके साहस और देश के प्रति आपके प्रेम से निरंतर प्रेरित हूं। हालांकि, इस बीते वर्ष ने हमारी परीक्षा ली है, लेकिन इसने हमारे लोगों और लोकतंत्र के मूल्यों के बीच के अटूट बंधन को भी उजागर किया है। हमने कठिनाइयां झेली हैं, लेकिन उन कठिनाइयों में भी हमने एकता और उद्देश्य पाया है।"

हसीना ने लिखा, "सत्ता जनता की होती है, कोई भी शासन किसी राष्ट्र की इच्छाशक्ति को हमेशा के लिए दबा नहीं सकता, और न्यायोचित उद्देश्यों के लिए उनका संघर्ष जारी है।"

पूर्व प्रधानमंत्री ने लोगों से न्याय, आर्थिक अवसर, शिक्षा, शांति और एक ऐसे राष्ट्र के लिए खड़े रहने का आग्रह किया जहां कोई भी भय में न रहे।

उन्होंने लिखा, "हम सब मिलकर जो टूट गया है उसे फिर से बनाएंगे। हम सब मिलकर उन संस्थानों को पुनः प्राप्त करेंगे जो हमसे छीन लिए गए थे। हम सब मिलकर एक नया अध्याय लिखेंगे, जो उत्पीड़न से नहीं, बल्कि आशा, प्रगति और स्वतंत्रता से परिभाषित होगा।"

पूर्व प्रधानमंत्री ने लिखा, "बांग्लादेश ने पहले भी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया है। हम फिर से उठ खड़े होंगे, और भी मजबूत, और भी एकजुट, और एक ऐसे लोकतंत्र के निर्माण के लिए और भी दृढ़ संकल्प के साथ, जो वास्तव में अपने लोगों की सेवा करे। मुझे आप पर विश्वास है। मुझे बांग्लादेश पर विश्वास है। और मेरा मानना है कि हमारे सबसे अच्छे दिन अभी आने बाकी हैं।"

हसीना ने पत्र को ' उज्जवल कल के लिए एक आह्वान' के रूप में याद रखने की अपील की।


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