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बांग्लादेश: डेंगू से पांच और मौत, 2025 में मृतकों की संख्या 280 के पार

बांग्लादेश में डेंगू पीड़ितों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। मौत के आंकड़ों में भी इजाफा उसी गति से हो रहा है

बांग्लादेश: डेंगू से पांच और मौत, 2025 में मृतकों की संख्या 280 के पार
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ढाका। बांग्लादेश में डेंगू पीड़ितों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। मौत के आंकड़ों में भी इजाफा उसी गति से हो रहा है। शनिवार सुबह से रविवार सुबह तक (24 घंटों के बीच) पांच लोगों की मौत हो गई, जिससे 2025 में इस बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 283 हो गई है।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज के हवाले से यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश ने बताया कि इस दौरान 1,162 और मरीज वायरल बुखार के साथ अस्पताल में भर्ती हुए, जिससे 2025 में अब तक कुल मामलों की संख्या 71,675 हो गई है। जैसा कि (डीजीएचएस) ने बताया, ढाका साउथ सिटी कॉर्पोरेशन (डीएससीसी) में डेंगू से तीन नई मौतें हुई हैं और ढाका नॉर्थ सिटी कॉर्पोरेशन (डीएनसीसी) और राजशाही डिवीजन में एक-एक मौत हुई है।

फिलहाल, ढाका में 1,040 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि बांग्लादेश के अलग-अलग अस्पतालों में 2,982 मरीजों का इलाज हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में डेंगू के मरीजों में 62.1 प्रतिशत पुरुष थे, जबकि 37.9 प्रतिशत महिलाएं थीं। मरने वालों में भी पुरुषों की संख्या ज्यादा है। 53.4 प्रतिशत पुरुषों ने दम तोड़ा, तो वहीं 46.6 प्रतिशत महिलाओं की मौत हुई।

2024 में बांग्लादेश में डेंगू से कुल 575 लोगों की मौत हुई थी। इसी दौरान, डीजीएचएस ने 101,214 डेंगू के मामले और 100,040 रिकवरी दर्ज कीं।

9 अक्टूबर को, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) के डायरेक्टर जनरल अबू जाफर ने बताया कि 2025 में डेंगू के मामलों की संख्या पिछले साल से ज्यादा है; हालांकि, मृत्यु दर कम है।

यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश ने रिपोर्ट में बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय में 'टाइफाइड वैक्सीनेशन कैंपेन-2025' पर आयोजित एक प्रेस ब्रीफिंग हुई। इसमें अबू जाफर ने कहा: "इस साल, डेंगू संक्रमणों की संख्या पिछले साल से ज्यादा है, लेकिन संक्रमणों के अनुपात में मृत्यु दर कम है।"

उन्होंने डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों के प्रजनन और उनके लार्वा को नष्ट करने को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, "लोगों को मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए और सुरक्षात्मक उपाय करने चाहिए। ये व्यक्तिगत जिम्मेदारियां हैं। अगर हम इनकी उपेक्षा करेंगे, तो डेंगू को खत्म करना बहुत मुश्किल होगा।"

जाफर ने कहा, "हमारे डेटा से पता चलता है कि अस्पतालों में डेंगू से होने वाली 50 प्रतिशत से अधिक मौतें भर्ती होने के पहले ही दिन हो रही हैं। इसका मतलब है कि मरीज बहुत देर से इलाज के लिए आ रहे हैं। हम अस्पतालों में उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।"

डेंगू एक वायरल इन्फेक्शन है जो डेंगू वायरस (डीईएनवी) के कारण होता है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से इंसानों में फैलता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के बयान के अनुसार, डेंगू दुनिया भर में ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल क्लाइमेट में पाया जाता है, ज्यादातर शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण वेक्टर कंट्रोल पर निर्भर करता है। डेंगू का कोई खास इलाज नहीं है; हालांकि, जल्दी पता चलने और सही मेडिकल केयर मिलने से गंभीर डेंगू से होने वाली मौतों की दर कम हो जाती है।


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