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बांग्लादेश : जमात के जनमत संग्रह प्रस्ताव पर बीएनपी का ऐतराज, चुनाव में देरी का आरोप

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी द्वारा जुलाई चार्टर पर नवंबर में जनमत संग्रह कराने के आह्वान पर संदेह जताया

बांग्लादेश : जमात के जनमत संग्रह प्रस्ताव पर बीएनपी का ऐतराज, चुनाव में देरी का आरोप
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बीएनपी ने जमात की जनमत मांग को बताया 'मास्टर प्लान', 2026 चुनाव पर उठाए सवाल

  • बांग्लादेश में चुनावी तनाव: जनमत संग्रह को लेकर बीएनपी-जमात आमने-सामने
  • जनमत संग्रह से चुनाव टालने की साजिश? बीएनपी ने जमात पर लगाए गंभीर आरोप

ढाका। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने मंगलवार को कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी द्वारा जुलाई चार्टर पर नवंबर में जनमत संग्रह कराने के आह्वान पर संदेह जताया और कहा कि यह अगले साल होने वाले राष्ट्रीय चुनाव में देरी करने के उद्देश्य से बनाए गए "मास्टर प्लान" का हिस्सा हो सकता है। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।

ढाका के जातीय प्रेस क्लब में एक चर्चा को संबोधित करते हुए, बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने चेतावनी दी कि नवंबर में जनमत संग्रह कराने पर जमात का जोर फरवरी 2026 के चुनाव की तैयारी में बाधा डाल सकता है।

बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने रिजवी के हवाले से कहा, "आप (जमात) जनमत संग्रह नवंबर में कराने की मांग कर रहे हैं। लेकिन ज्यादातर राजनीतिक दल पहले ही इस बात पर सहमत हो चुके हैं कि ये संसदीय चुनाव के दिन ही होगा। इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा और खर्च भी बचेगा।"

बीएनपी नेता ने तर्क दिया कि जनमत संग्रह और राष्ट्रीय चुनाव, दोनों एक ही दिन कराने से समय की बचत होगी और प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी, जबकि नवंबर में जनमत संग्रह केवल एक महीने की तैयारी के साथ संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा, "इससे सिर्फ अराजकता ही फैलेगी। आप कौन सा चुनाव पहले पूरा करेंगे और कब? समय ही नहीं है। अगर नवंबर में जनमत संग्रह होता है, तो राष्ट्रीय चुनाव ईद-उल-अजहा के ठीक बाद कराने होंगे। तो, क्या नवंबर में जनमत संग्रह कराने के आपके आह्वान के पीछे कोई और मास्टर प्लान है?"

उन्होंने कहा, "लेकिन आप (जमात) इसे अनावश्यक रूप से लंबा खींचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे यह संदेह पैदा हो रहा है कि आप राष्ट्रीय चुनाव में देरी करना या उसे पटरी से उतारना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि यह राजनीतिक दल, कुछ अन्य दलों के साथ, वास्तव में चुनाव नहीं कराना चाहता। उनका पिछला रिकॉर्ड दर्शाता है कि लोकतंत्र या चुनावी प्रक्रिया के प्रति उनकी कभी कोई वास्तविक प्रतिबद्धता नहीं रही है।"

रिजवी ने जमात पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए झूठा प्रचार करने के लिए एक विशेष टीम बनाने का भी आरोप लगाया।

बांग्लादेशी दैनिक 'ढाका ट्रिब्यून' ने चर्चा के दौरान बीएनपी नेता के हवाले से कहा, "जमात डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके भ्रामक अभियान चला रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर झूठ, आपत्तिजनक टिप्पणियां और अश्लील सामग्री फैलाने के लिए युवाओं का एक समूह बनाया है। ये लोग झूठ की पैकेजिंग कर रहे हैं और उसे नियमित रूप से फैला रहे हैं।"

अगले साल होने वाले चुनाव से पहले बांग्लादेश में अनिश्चितता और राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ती जा रही है।

जिन पार्टियों ने पहले शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए मुहम्मद यूनुस के साथ मिलकर काम किया था, वे अब सुधार प्रस्तावों को लेकर आपस में भिड़ गई हैं।


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