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बांग्लादेश : अवामी लीग ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश की गिरफ्तारी को बताया 'अन्यायपूर्ण'

बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने शनिवार को देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक की गिरफ्तारी की निंदा की, जिन्होंने बंगबंधु हत्याकांड में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। उन्होंने इसे मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत 'चल रहे दमन' का हिस्सा बताया

बांग्लादेश : अवामी लीग ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश की गिरफ्तारी को बताया अन्यायपूर्ण
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ढाका। बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने शनिवार को देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक की गिरफ्तारी की निंदा की, जिन्होंने बंगबंधु हत्याकांड में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। उन्होंने इसे मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत 'चल रहे दमन' का हिस्सा बताया।

पुलिस ने बिना कोई विशेष कारण बताए, खैरुल को गुरुवार सुबह उनके ढाका स्थित आवास पर गिरफ्तार किया।

अवामी लीग ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश की गिरफ्तारी इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि सरकार कानून के शासन को बनाए रखने का कोई इरादा नहीं रखती है। यह पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया था।"

पार्टी ने टिप्पणी की, "एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ हत्या का मामला कितना बेतुका और अपमानजनक आरोप है। देश के लोगों का इस नाजायज, फासीवादी सरकार के शासन में न्यायपालिका से भी भरोसा उठ रहा है।"

पार्टी ने यूनुस के नेतृत्व में सरकार को अवैध, सत्ता हड़पने वाला और हत्यारा-फासीवादी गिरोह करार दिया। अवामी लीग ने दावा किया कि इस सरकार के शासनकाल में देशभर में सभी वर्गों और पेशों के लोगों को उनके मौलिक और मानवाधिकारों से योजनाबद्ध तरीके से वंचित किया जा रहा है।

अवामी लीग के एक बयान में कहा गया, "हम इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा और विरोध करते हैं। देश देख रहा है कि कैसे यह अवैध तौर पर काबिज शासन पत्रकारों, वकीलों, शिक्षकों, बुद्धिजीवियों, न्यायाधीशों, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं और सभी क्षेत्रों के पेशेवर नेताओं को अंधाधुंध गिरफ्तार और कैद कर रहा है। यह हत्यारा-फासीवादी यूनुस गिरोह उत्पीड़न, यातना और दमन जैसे कृत्यों को अंजाम दे रहा है।"

अवामी लीग ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश खैरुल और अन्य सभी राजनीतिक बंदियों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की, जिन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से हिरासत में लिया गया है।


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