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म्यांमार में हो रहे चुनाव सिर्फ सियासी तमाशा हैं?

गृह युद्ध झेल रहे म्यांमार में रविवार को आम चुनावों के पहले चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं. आलोचकों का कहना है कि यह चुनाव सेना को सत्ता में बनाए रखने के लिए हो रहे राजनीतिक तमाशे से ज्यादा कुछ नहीं हैं

म्यांमार में हो रहे चुनाव सिर्फ सियासी तमाशा हैं?
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गृह युद्ध झेल रहे म्यांमार में रविवार को आम चुनावों के पहले चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं. आलोचकों का कहना है कि यह चुनाव सेना को सत्ता में बनाए रखने के लिए हो रहे राजनीतिक तमाशे से ज्यादा कुछ नहीं हैं.

सैन्य शासित म्यांमार में बीते पाच साल में ये पहले आम चुनाव हैं. रविवार को मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं. बेहद कड़े नियमों के तहत देश की सैन्य सरकार इन चुनावों को करा रही है और वह इन्हें देश में मेलमिलाप और लोकतंत्र की वापसी का रास्ता बताती है.

वहीं पश्चिमी देशों की सरकारें और मानवाधिकार संगठन इन चुनावों को सिर्फ एक दिखावा मानते हैं जिसका मकसद सेना को गोपनीय तरीके से सत्ता में बनाए रखना है. इन चुनावों में हिस्सा लेने वाली ज्यादातर पार्टियां सेना की समर्थक मानी जाती हैं.

2021 में म्यांमार की ताकतवर सेना ने आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार को हटाकर देश की सत्ता अपने हाथ में ले ली थी. इस तख्तापलट के बाद देश में गृह युद्ध छिड़ गया, जिसमें हजारों लोगों की जानें गईं और लाखों बेघर हो गए. देश के ज्यादातर हिस्से में अब भी गृह युद्ध चल रहा है. विपक्षी समूहों ने इन चुनावों के बहिष्कार की अपील की है.

कितने अहम हैं ये चुनाव

महीने भर तक चलने वाले इन चुनावों को तीन चरणों में बांटा गया है. रविवार को पहले चरण का मतदान हो रहा है. स्थानीय समय के अनुसार सुबह छह बजे से मतदान शुरू हो गया. म्यांमार की कुल 330 टाउनशिपों में से 103 में पहले चरण में वोट डाले जा रहे हैं. इनमें राजधानी नेपितो के साथ ही यांगून और मांडले जैसे शहर भी शामिल हैं.

दूसरे चरण में 11 जनवरी को और तीसरे चरण में 25 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में मतदान नहीं होगा. इन चुनावों में 57 पार्टियों के 4,800 उम्मीदवार हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन इनमें सिर्फ छह पार्टियां ऐसी हैं जिनके उम्मीदवार देश भर में चुनाव मैदान में हैं. इनमें सेना की समर्थक यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवेलपमेंट पार्टी भी शामिल है और इसी पार्टी के चुनाव जीतने की संभावना जताई जा रही है.

आंग सान सू ची कैद में ही हैं. आम लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी को 2023 में भंग कर दिया गया था और वह इन चुनावों में हिस्सा नहीं ले रही है.

संयुक्त राष्ट्र ने की आलोचना

सैन्य सरकार की तरफ से पारित एक कानून के तहत चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह का व्यवधान डालने की अनुमति नहीं होगी, जिसमें विरोध प्रदर्शन और आलोचना भी शामिल है. नियमों के उल्लंघन के आरोप में पहले ही 200 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो रही है. पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख फोल्कर टुर्क ने एक बयान में कहा था, "यह चुनाव स्पष्ट तौर पर हिंसा और दमन के माहौल में कराए जा रहे हैं."

इस बीच, समाचार एजेंसी एएफपी ने खबर दी है कि रविवार को म्यांमार के सेना प्रमुख मिन आंग ह्लांग ने नेपितो में सेना के अन्य अधिकारियों के साथ अपना वोट डाला. इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की गारंटी देते हैं. चुनाव सेना करा रही है और हम अपना नाम खराब नहीं होने देंगे."


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