Top
Begin typing your search above and press return to search.

इस्तांबुल में पाकिस्तान के साथ वार्ता विफल होने के बाद अफगानिस्तान ने 'कड़ी प्रतिक्रिया' की दी चेतावनी

अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी जारी की और भविष्य में किसी भी सैन्य हमले का कड़ा जवाब देने की कसम खाई। तुर्की में वार्ता इस्लामाबाद के पीछे हटने के बाद विफल हो गई

इस्तांबुल में पाकिस्तान के साथ वार्ता विफल होने के बाद अफगानिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया की दी चेतावनी
X

काबुल। अफगानिस्तान ने मंगलवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी जारी की और भविष्य में किसी भी सैन्य हमले का कड़ा जवाब देने की कसम खाई। तुर्की में वार्ता इस्लामाबाद के पीछे हटने के बाद विफल हो गई।

अफगानिस्तान मीडिया आउटलेट एरियाना न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान की तरफ से कुछ अनुचित और अस्वीकार्य मांगें रखीं, जिनमें काबुल से कथित तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय सशस्त्र लोगों को वापस बुलाने और उन पर नियंत्रण करने का आह्वान भी शामिल है, जिसे अफगान पक्ष ने अस्वीकार कर दिया। इसमें आगे कहा गया है कि अगर पाकिस्तान अफगान धरती पर हवाई हमले करता है तो अफगान सेना इस्लामाबाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।

बातचीत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए काबुल ने धमकी दी कि वह आगे सीमा पार हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी ने एरियाना न्यूज से बात करते हुए कहा कि किसी भी हमले का निर्णायक जवाब दिया जाएगा, जो पाकिस्तान के लिए एक सबक और दूसरों के लिए एक संदेश होगा।

उन्होंने आगे कहा कि यह सच है कि हमारे पास परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन 20 साल के युद्ध के बावजूद न तो नाटो और न ही संयुक्त राज्य अमेरिका अफगानिस्तान को अपने अधीन कर पाया। अफगान राष्ट्र कभी किसी के आगे नहीं झुका।

यह घटनाक्रम हाल ही में अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा सीमा पार अभियान चलाने के बाद बढ़े तनाव के बीच हुआ है। रिपोर्टों से पता चलता है कि तुर्की में राजनयिकों और क्षेत्रीय मध्यस्थों द्वारा संकट को कम करने के प्रयास विफल हो गए हैं, जिससे डूरंड रेखा पर फिर से सैन्य टकराव की आशंका बढ़ गई है।

विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि कोई भी जवाबी कार्रवाई पहले से ही नाजुक क्षेत्र को और अस्थिर कर देगी।

इस्तांबुल में लगातार तीन दिनों तक चली पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता क्षेत्रीय मध्यस्थता के प्रयासों के बावजूद कोई सफलता नहीं दिला पाई। मध्यस्थों ने स्वीकार किया कि दोनों देशों की स्थिति अभी भी एक-दूसरे से बहुत अलग है क्योंकि दोनों पक्षों की अपेक्षाओं और प्राथमिकताओं में अंतर है।

अफगानिस्तान की प्रमुख समाचार एजेंसी खामा प्रेस ने जियो न्यूज की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि इन मतभेदों के कारण दोनों देशों के अधिकारी बातचीत के दौरान कोई प्रगति नहीं कर पाए। दोनों देशों के बीच समन्वय की कमी ने तनाव के और बढ़ने की चिंताएं पैदा कर दी हैं।

पाकिस्तान ने जोर देकर कहा है कि तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के खिलाफ कार्रवाई करना और इस समूह के लड़ाकों को अफगानिस्तान में पनाह लेने से रोकना किसी भी समझौते के लिए महत्वपूर्ण शर्तें हैं। पाकिस्तान टीटीपी विद्रोह को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा मानता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it