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अफगानिस्तान: वित्तीय संकट से जूझ रहा तालिबान 'एयर स्पेस' से कैसे कर रहा है कमाई

जून में ईरान और इस्राएल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के दौरान जब हवाई क्षेत्र बंद था, तब बड़ी संख्या में उड़ानें अफगान एयर स्पेस से गुजरीं. तालिबान ने प्रति उड़ान 700 डॉलर का शुल्क लेकर हर महीने करोड़ों रुपये की कमाई की

अफगानिस्तान: वित्तीय संकट से जूझ रहा तालिबान एयर स्पेस से कैसे कर रहा है कमाई
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जून में ईरान और इस्राएल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के दौरान जब हवाई क्षेत्र बंद था, तब बड़ी संख्या में उड़ानें अफगान एयर स्पेस से गुजरीं. तालिबान ने प्रति उड़ान 700 डॉलर का शुल्क लेकर हर महीने करोड़ों रुपये की कमाई की.

अफगानिस्तान का हवाई क्षेत्र तालिबान सरकार के लिए आय का एक नया और महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है. इस साल जून में ईरान और इस्राएल के बीच झड़पों के कारण मध्य पूर्व हवाई क्षेत्र बंद होने के बाद, अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने अफगान एयर स्पेस का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. यहां से गुजरने के लिए प्रति उड़ान 700 डॉलर का शुल्क लिया जा रहा है, जिससे तालिबान प्रशासन को हर महीने करोड़ों रुपये की कमाई हो रही है.

फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट 'FlightRadar24' के अनुसार, मई में अफगान एयर स्पेस से प्रतिदिन औसतन 50 उड़ानें गुजरीं. लेकिन जून में ईरान और इस्राएल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के बाद, यह संख्या बढ़कर 280 हो गई. अफगानिस्तानी एयर स्पेस से अब भी हर रोज 200 से ज्यादा उड़ानें गुजरती हैं. इससे तालिबान सरकार को हर महीने लगभग 42 लाख डॉलर की आय होती है.

हालांकि, अफगान अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर इस आय के आकार या तरीके का खुलासा नहीं किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के अनुसार, यह तालिबान प्रशासन के लिए एक अहम वित्तीय सहायता है, जो प्रतिबंधों और जब्त संपत्तियों के कारण गंभीर वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहा है.

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मानवीय संकट और अर्थव्यवस्था

अफगानिस्तान मौजूदा समय में एक गंभीर आर्थिक संकट और मानवीय त्रासदी का सामना कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, देश की 85 प्रतिशत आबादी एक डॉलर प्रतिदिन से भी कम पर गुजारा करती है. युवा बेरोजगारी दर लगभग एक चौथाई है, जबकि लाखों अफगानों कोईरान और पाकिस्तान से जबरन वापस भेज दिया गया है. ऐसी परिस्थितियों में, हवाई शुल्क से होने वाली आय, हालांकि बहुत बड़ी राशि नहीं है, लेकिन तालिबान के लिए बहुत मायने रखती है.

2023 में, अमेरिकी विमानन प्राधिकरण ने अफगान एयर स्पेस के इस्तेमाल पर प्रतिबंधों में ढील दी, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस अफगानिस्तान के ऊपर से उड़ान भरने लगीं. टर्किश एयरलाइंस, फ्लाई दुबई और एयर अरेबिया अफगान शहरों से रोजाना उड़ानें ऑपरेट करती हैं, जबकि एयर फ्रांस, सिंगापुर एयरलाइंस, एयर कनाडा और रूस की एयरोफ्लोट जैसी प्रमुख कंपनियां अफगान के एयर स्पेस का इस्तेमाल कर रही हैं.

कितना सुरक्षित है अफगानिस्तान का एयर स्पेस

विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अफगानिस्तान का एयर स्पेस उड़ानों के दौरान अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है, लेकिन अफगानिस्तान आपात स्थिति में लैंडिंग के लिए उपयुक्त देश नहीं है. न केवल इसलिए कि यहां के हवाई अड्डों पर तकनीकी सुविधाओं और स्पेयर पार्ट्स की कमी है, बल्कि इसलिए भी कि स्वास्थ्य प्रणाली की कमजोरी आपात स्थिति को और जटिल बना सकती है.

अफगानिस्तान के पूर्व उद्योग और व्यापार उप मंत्री सुलेमान बिन शाह के अनुसार, हवाई राजस्व न केवल तालिबान को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है, बल्कि उनकी सरकार की विश्वसनीयता को भी मजबूत कर रहा है. वे कहते हैं, "यह राजस्व तालिबान को एक कार्यशील सरकार के रूप में पेश करने में मदद करता है, भले ही दुनिया ने उन्हें आधिकारिक तौर पर मान्यता न दी हो."

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एयर स्पेस से नई पहचान बनाने की कोशिश

अभी तक, केवल रूस ने ही तालिबान सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता दी है, जबकि बाकी दुनिया सावधानी से संबंध स्थापित कर रही है. लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, जैसे-जैसे ज्यादा एयरलाइंस अफगान शुल्क का भुगतान करना शुरू करेंगी, दुनिया में तालिबान के "शासन सामान्यीकरण" की धारणा बढ़ सकती है.

कंपनियां इस बात पर चुप्पी साधे हुए हैं कि एयरलाइंस तालिबान को शुल्क का भुगतान कैसे करती हैं. कुछ रिपोर्टों के अनुसार, ये भुगतान सीधे तौर पर नहीं, बल्कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से किए जाते हैं. दुबई स्थित जीएएसी होल्डिंग नाम की एक कंपनी अफगानिस्तान के हवाई अड्डों का प्रबंधन करती है और ऐसा माना जाता है कि उसके माध्यम से शुल्क वसूल करेगी.

विश्व बैंक के एक विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "कंपनियों को अफगानिस्तान के साथ व्यापार करने से औपचारिक रूप से प्रतिबंधित नहीं किया गया है, क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंध केवल कुछ तालिबान अधिकारियों को लक्षित करते हैं."

एएफपी द्वारा संपर्क की गई कई कंपनियों ने कहा कि वे एयर स्पेस भुगतान संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं कराती हैं.

अफगानिस्तान के विमानन अधिकारियों ने टिप्पणी के लिए कई अनुरोधों का जवाब नहीं दिया, और उन्होंने एयर स्पेस के इस्तेमाल के लिए शुल्क या भुगतान की प्रक्रिया की पुष्टि नहीं की.


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