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पाकिस्तान में अफगान प्रवासियों ने पुलिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

अफगान प्रवासियों ने पाकिस्तान में स्थानीय पुलिस पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप लगाया है

पाकिस्तान में अफगान प्रवासियों ने पुलिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
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काबुल। अफगान प्रवासियों ने पाकिस्तान में स्थानीय पुलिस पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस वैध या लंबित आव्रजन दस्तावेज होने के बावजूद उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार कर रही है और रिहाई के लिए रिश्वत की मांग कर रही है।

इस्लामाबाद और रावलपिंडी में रह रहे अफगान नागरिकों ने आरोप लगाया कि हाल के हफ्तों में पुलिस ने अफगानों की गिरफ्तारी तेज कर दी है। कुछ मामलों में हिरासत में लिए गए लोगों को बड़ी रकम देने के बाद ही छोड़ा गया। गवाहों के मुताबिक, साधारण कपड़ों में पुलिसकर्मी पासपोर्ट और वीजा दिखाने को कहते हैं और दस्तावेज न होने पर वर्दीधारी पुलिसकर्मी वाहन में आकर उन्हें गिरफ्तार कर लेते हैं।

सोमवार को रावलपिंडी में गिरफ्तार तीन अफगानों ने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्हें करीब छह घंटे हिरासत में रखा गया और रिहाई के लिए पैसों की मांग की गई। एक व्यक्ति ने बताया कि उसने रिहाई के लिए 82,000 पाकिस्तानी रुपये चुकाए, जबकि अन्य ने भी इसी तरह की रकम देने की बात कही।

वीजा प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे अफगानों का कहना है कि पुलिस उनके पास मौजूद आधिकारिक दूतावास के कागजात भी मान्य नहीं मान रही और वैध दस्तावेज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है। अफगान समुदाय ने पाकिस्तान सरकार से वीजा विस्तार प्रक्रिया तेज करने की अपील की है ताकि पुलिस की ओर से उत्पीड़न, गलत गिरफ्तारी और कथित वसूली रोकी जा सके।

इस बीच, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि प्रूफ ऑफ रजिस्ट्रेशन कार्डधारक अफगान नागरिकों की अनिवार्य वापसी 1 सितंबर से शुरू होगी, अगर वे स्वेच्छा से नहीं लौटते हैं। मंत्रालय के अनुसार, प्रूफ ऑफ रजिस्ट्रेशन कार्डधारकों की स्वैच्छिक वापसी तुरंत शुरू की जाएगी, जबकि बाकी लोगों की अनिवार्य वापसी 1 सितंबर से होगी।

यह फैसला उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा चिंताओं और राष्ट्रीय संसाधनों पर दबाव को देखते हुए लिया गया। मंत्रालय ने कहा कि अफगान सिटीजन कार्डधारकों की वापसी पहले से तय अंतरिम ढांचे के अनुसार होगी और इस प्रक्रिया में तालिबान सरकार, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से सहयोग लिया जाएगा।


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