Top
Begin typing your search above and press return to search.

9 सालों में भारत को देखने का दुनिया का नजरिया बदला है : राष्ट्रपति मुर्मू

मंगलवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से इसकी शुरूआत हुई। राष्ट्रपति ने संसद के सेंट्रल हाल में दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित किया।

9 सालों में भारत को देखने का दुनिया का नजरिया बदला है : राष्ट्रपति मुर्मू
X

नई दिल्ली, 31 जनवरी: मंगलवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से इसकी शुरूआत हुई। राष्ट्रपति ने संसद के सेंट्रल हाल में दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मेरी सरकार के लगभग नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है।

उन्होंने कहा कि अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड, स्वतन्त्रता की स्वर्णिम शताब्दी का और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है। ये 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा करके दिखाने के हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भगवान बसवेश्वर ने कहा था कायकवे कैलास। अर्थात कर्म ही पूजा है, कर्म में ही शिव हैं। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मेरी सरकार राष्ट्र निर्माण के कर्तव्य को पूरा करने में तत्परता से जुटी है।

उन्होंने कहा कि मैं आज इस सत्र के माध्यम से, देशवासियों का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने लगातार दो बार, एक स्थिर सरकार को चुना है। मेरी सरकार ने देशहित को सदैव सर्वोपरि रखा, नीति-रणनीति में संपूर्ण परिवर्तन की इच्छाशक्ति दिखाई।

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि भ्रष्टाचार लोकतंत्र का और सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसलिए बीते वर्षों से भ्रष्टाचार के विरुद्ध निरंतर लड़ाई चल रही है। हमने सुनिश्चित किया है कि व्यवस्था में ईमानदार का सम्मान होगा।

उन्होंने कहा कि हमें ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर हो, ऐसा भारत जिसमें गरीबी ना हो, जिसमें वैभव हो, जो समय से 2 कदम आगे चलता हो।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it