दुनिया भर की निगाहें भारत-पाक के महामुकाबले पर
भारत है पाक से हिसाब चुकता करने को बेताब

- सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली। भारत की तमन्ना डेढ़ दशक के बाद फिर आईसीसी टी-20 क्रिकेट विश्व कप खिताब जीतने की है। रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय टीम इसके आठवें संस्करण में अपने अभियान का आगाज ग्रुप 2 में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को मेलबर्न में सुपर 12 मैच से करेगी। दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को भारत और पाकिस्तान के बीच इस महामुकाबले का बेताबी से इंतजार है। अच्छी खबर यह है कि रविवार को मेलबर्न में बारिश की आशंका कम हो गई।
उम्मीद है कि मैच बिना किसी बाधा के सम्पन्न मुमकिन हो सकेगा।बावजूद इसके भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि वह बारिश के चलते यदि मैच कम ओवरों का हो वह उसके लिए भी तैयार हैं। भारत यूएई में इसके पिछले संस्करण में पहले ही मैच में पाकिस्तान से सुपर 12 में दस विकेट से मिली हार का हिसाब मेलबर्न में जीत के साथ चुकता करने को बेताब है।
पाकिस्तान से पिछले संस्करण में पहले ही मैच में मिली हार भारत को बेशक उससे हिसाब चुकता करने के साथ बेहतर प्रदर्शन को प्रेरित करेगी। क्या रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को दीपावली से एक दिन पहले जीत का दीप जला देशवासियों को उत्सव मनाने का मौका देगी? हकीकत तो यही मुकाबला भारत की दमदार बल्लेबाजी और पाकिस्तान की धारदार गेंदबाजी में होगा। जो भी टीम नाजुक क्षणों में ज्यादा धैर्य दिखाएगी जीत उसी के हिस्से आएगी।
भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी इस बात से वाकिफ हैं कि इस मैच में जीत उन्हें हीरो बना देती है और हार जीरो। ऐसे में दोनों ही टीमों के क्रिकेटर दमदार प्रदर्शन करने में कसर नही छोड़ेंगे। भारत की तरह पाकिस्तान भी अब तक क्रिकेट सबसे छोटे फॉमेट के विश्व कप में एक बार विजेता और एक बार उपविजेता रहा है। भारत की शुरू के छहों संस्करणों में अगुआई महेंद्र सिंह धोनी ने की और 2021 में मात्र एक बार विराट कोहली ने की।
रोहित के सामने भारत को खिताब जिताने की चुनौती
रोहित शर्मा की अगुआई वाली मौजूदा भारतीय टीम के सामने महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में 2007 में पहले टी-20 विश्व कप में खिताब जीतने के करिश्मे को दोहरा कर उसे दूसरी बार खिताब जिताने की चुनौती है। लगातार आठवीं बार टी-20 विश्व कप में शिरकत करने उतरने वाली भारतीय टीम की निगाहें चौथी बार सेमीफाइनल में स्थान बनाने पर रहेंगी।
धोनी की अगुआई में भारत पहले संस्करण में खिताब जीतने के सात बरस बाद 2014 में फाइनल में श्रीलंका से छह विकेट हार एक बार उपविजेता रहा और दो बरस बाद बड़ा स्कोर खड़ा करने के बाद अपने घर में वेस्ट इंडीज से सेमीफाइनल में सात विकेट से हार गया था। भारत का हमेशा से हर बार बस एक ही मकसद रहा विश्व कप जीतना , चाहे फिर वह टी-20 विश्व कप या वन डे विश्व कप।
भारत को पाकिस्तान के हाथों पिछले संस्करण में अपने पहले सुपर 12 मैच में यूएई में दस विकेट से करारी शिकस्त आज भी इसलिए खटकती है क्योंकि किसी भी फॉर्मेट के विश्व कप में उसकी अपने चिर प्रतिद्वंद्वी से पहली हार थी। इस हार के चलते ही भारत लगातार तीसरी बार फाइनल में जगह बनाने से चूक गया था।


