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विश्व के देशों ने भारत-पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की

आस्ट्रेलिया सरकार ने भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए दोनों से देशों से संयम बरतने की अपील की है

विश्व के देशों ने भारत-पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की
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नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के पुलवामा आंतकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के खैबर पख्तुनखवा प्रांत में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों पर किये गये हवाई हमलों के बाद विश्व के देशों ने भारत-पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है।

आस्ट्रेलिया सरकार ने भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए दोनों से देशों से संयम बरतने की अपील की है। आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने कहा, “आस्ट्रेलिया की सरकार 14 फरवरी को हुए जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के संबंधों को लेकर चिंतित है। भारत के विदेश सचिव ने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को लक्ष्य बनाकर हमले किये।

पाकिस्तान को अपनी अधिकार क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तयैबा समेत आंतकवादी संगठनों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करे। जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाने के लिए हर संभव प्रयास करे। पाकिस्तान अातंकवादी संगठनों को अपनी सरजमीं से संचालन की अनुमति नहीं दे सकता। ये कदम उठाकर पाकिस्तान दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और विवाद सुलझाने की दिशा में काम कर सकता है।”

आस्ट्रेलिया ने दोनों देशों से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली किसी भी कार्रवाई से बचने तथा संयम बनाये रखने की अपील की है। आस्ट्रेलिया ने दोनों देशों से सभी मसलों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वार्ता की भी अपील की है।

ब्रिटेन के विदेश सचिव जेरेमी हंट ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात करके 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले की कड़ी निंदा की है। ब्रिटेन ने आतंकवाद से क्षेत्र की स्थिरता के लिए उत्पन्न हुए खतरे पर भी चिंता व्यक्त की। ब्रिटेन ने क्षेत्र में स्थिरता और विश्वास बहाल करने के लिए भारत-पाकिस्तान को समन्वय बढ़ाने और राजनयिक समाधान तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया है।

ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के जारी बयान के अनुसार श्री हंट ने भारत-पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता को दोहराया ताकि हमले के जिम्मेदार लोगों को उनके किये की सजा दिलायी जा सके। ब्रिटेन आतंकवाद के खतरे से निपटने और क्षेत्रीय स्थिरता के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत-पाकिस्तान दोनों देशों के उच्चाधिकारियों के साथ संपर्क बनाये रखेगा।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने आंतकवादियों की पनाहगाह बने पाकिस्तान की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान को आर्थिक सहायता में कमी करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की सराहना की।

सुश्री स्वराज ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को भारत की कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा कि यह भारत की पाकिस्तान के खिलाफ नहीं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ की गयी कार्रवाई है और आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया है।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने भारत-पाकिस्तान को तनाव कम करने और वार्ता के जरिए मौजूदा विवादों को सुलझाने की अपील की है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम कुरैशी ने कहा, “ईरान भारत-पाकिस्तान से संयम बरतने और तनाव कम करने के प्रयासों तथा मौजूदा विवादों को वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों को प्रोत्साहित करने की अपील करता है।”

यूरोपीय संघ ने भी भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव पर चिंता व्यक्त की है। यूरोपीय संघ की प्रवक्ता ने पत्रकारों को कहा, “हम दोनों देशों के साथ संपर्क बनाये हुए हैं और हमें विश्वास है कि इस पूरी कवायद से संयम को बढ़ाने और तनाव को कम करने में मदद मिलेगी।”

नेपाल की राजधानी काठमांडू में नागरिक समाज ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में पाकिस्तान दूतावास के सामने मौन प्रदर्शन किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नागरिक समाज के लोगों ने हाथ में बैनर तथा पैम्पलेट ले रखे थे जिनमें हमले की निंदा की गयी थी।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमने मौन विरोध-प्रदर्शन किया क्योंकि शांति में शब्दों से अधिक शक्ति होती है। यह प्रेरणा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से मिली है। शांति में ऐसी शक्ति है जो सब कुछ जीत सकती है।''

पाकिस्तान के समाचारपत्र द डॉन के अनुसार चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने का आग्रह किया है चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने संवाददाताओं से कहा, “हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान संयम बरतेंगे तथा इस तरह के प्रयास करेंगे कि इस क्षेत्र में स्थिति में सुधार हो और आपसी संबंध बेहतर बनें।”
सुश्री स्वराज बुधवार को अपने चीनी समकक्ष के साथ वार्ता करेंगी।


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