Top
Begin typing your search above and press return to search.

95,000 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी की जरूरत: रपट

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अगले दो सालों में कम से कम 95,000 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी की जरूरत है।

95,000 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी की जरूरत: रपट
X

मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अगले दो सालों में कम से कम 95,000 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी की जरूरत है, जो सरकार की साल 2019 के मार्च तक की योजना के तहत किए जानेवाले 20,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश से काफी अधिक है।

मूडीज-आईसीआरए की रपट में गुरुवार को यह जानकारी दी गई है। मूडीज के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ विश्लेषक अलका अनबारासु ने कहा, "हमारे केंद्रीय परिपेक्ष्य में हमारा अनुमान है कि मूडीज द्वारा रेटिंग किए गए 11 सरकारी बैंकों को करीब 70,000-95,000 करोड़ रुपये या 10.6-14.6 अरब डॉलर की कार्यशील पूंजी की जरूरत होगी।"

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस और आईसीआरए की यहां जारी रपट में यह जानकारी दी गई। रपट में कहा गया है, "हालांकि, मूडीज का मानना है कि सरकार से बैंकों में डाली जानेवाली पूंजी ही बाहरी इक्विटी पूंजी का व्यवहार्य स्त्रोत है, क्योंकि सरकारी बैकों का पूंजी बाजार मूल्यांकन काफी कम है। इसके कारण वे पूंजी बाजार से और इक्विटी नहीं बढ़ा सकते।"

इस रपट में यह भी कहा गया है कि बैंकों की लाभप्रदता में अगले दो सालों में किसी तेजी का अनुमान नहीं है, क्योंकि फंसे हुए कर्जो की वसूली नहीं हो रही और इसका समाधान नहीं निकल रहा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it