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मध्य प्रदेश में मजदूरों को ई-स्कूटर के लिए मिलेगी 40 हजार रुपये की मदद : मोहन यादव

मध्य प्रदेश के श्रमिकों के लिए यह अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस वर्ग को बड़ी सौगात दी है। अब राज्य के श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए सरकार 40 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी

मध्य प्रदेश में मजदूरों को ई-स्कूटर के लिए मिलेगी 40 हजार रुपये की मदद : मोहन यादव
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भोपाल। मध्य प्रदेश के श्रमिकों के लिए यह अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस वर्ग को बड़ी सौगात दी है। अब राज्य के श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए सरकार 40 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी।

राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री डाॅ यादव ने कहा, मजदूरों की दिव्यांगता और मृत्यु के आधार पर मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार अब श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी देने जा रही है।

मुख्यमंत्री डाॅ यादव ने कहा, श्रमिक परिवारों को 670 करोड़ रुपये से अधिक की अनुग्रह सहायता राशि का वितरण किया गया है। स्वामित्व योजना के माध्यम से 23 लाख 50 हजार लोगों को स्वामित्व अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके है। प्रदेश में 1 करोड़ 67 लाख से अधिक पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना का लाभ मिल रहा है, जिसके लिए इस वर्ष 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में प्रदेश के सात लाख 50 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदेश में लगभग 7 लाख मकानों का निर्माण कर लिया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट अवार्ड की श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। शहरी क्षेत्र में 9 लाख 51 हजार आवास स्वीकृत हुए हैं। इनमें से 7 लाख 91 हजार आवास का कार्य पूरा किया जा चुका है।

राज्य के स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए डाॅ यादव ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में वर्ष 2025 तक प्रदेश के ग्रामों को कचरे और कीचड़ से मुक्ति दिलाकर मॉडल श्रेणी का ओडीएफ प्लस ग्राम बनाने का लक्ष्य है। जनजातीय वर्ग के समग्र विकास और कल्याण के लिए इस वित्त वर्ष में 40 हजार 804 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट की तुलना में 23.4 प्रतिशत अधिक है। तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 3 हजार रुपये प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपये कर दिया गया है।


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