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महाराष्ट्र से आए मजदूरों ने मध्य प्रदेश सीमा पर लगाया चक्का जाम, समझाइश पर माने

महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश की सीमा में लगातार प्रवेश कर रहे मजदूरों को आज रोके जाने पर उनके द्वारा आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब दो घण्टे तक चक्का जाम किया गया

महाराष्ट्र से आए मजदूरों ने मध्य प्रदेश सीमा पर लगाया चक्का जाम, समझाइश पर माने
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बड़वानी। महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश की सीमा में लगातार प्रवेश कर रहे मजदूरों को आज रोके जाने पर उनके द्वारा आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब दो घण्टे तक किया गया चक्का जाम प्रशासन द्वारा समस्या का निदान किए जाने के उपरांत समाप्त कर दिया गया।

बड़वानी के जिला कलेक्टर अमित तोमर ने बताया कि जिले में अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों को रोककर उन्हें ठहराने हेतु शेल्टर हाउस व अन्य संसाधनों की कमी के चलते मध्य प्रदेश महाराष्ट्र सीमा पर सख्ती से उन्हें रोका जा रहा था। आज 1000 से अधिक मजदूरों ने मध्य प्रदेश महाराष्ट्र सीमा के बीजासन स्थित चेकप्वाइंट पर चक्का जाम कर दिया । उनकी कहना था कि महाराष्ट्र व मुंबई के विभिन्न इलाकों में संक्रमण बढ़ने के चलते उन्हें अपने मूल राज्यों की ओर जाने दिया जाए।

उन्होंने कहा कि उनके चक्का जाम कर दिए जाने की सूचना के चलते वे तथा पुलिस अधीक्षक मध्य प्रदेश महाराष्ट्र सीमा पर पहुंचे और उन्होंने ताजा गाइडलाइन और उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें प्रमाण पत्र जारी करते हुए गंतव्य की ओर भेजने का फैसला लिया गया है।

उन्होंने बताया कि संबंधित राज्यों से संपर्क कर उन्हें छुड़वाने का प्रबंध किया जा रहा है तथा वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों द्वारा इस संबंध में शीघ्र ही स्थाई निर्णय ले लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश महाराष्ट्र सीमा पर तैनात छह स्वास्थ्य दलों द्वारा आज करीब 1000 मजदूरों की स्क्रीनिंग कर ली गई है।

बड़वानी के पुलिस अधीक्षक डी एल टेनिवार ने बताया कि महाराष्ट्र की ओर से रोकथाम के गंभीर प्रयास ना होने के चलते मजदूरों के मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा पर लगातार प्रवेश के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल लगाया जा रहा था तथा वह लगातार ड्यूटी कर परेशान हो रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की तरह पुलिसकर्मी पीपीई किट पहनकर लगातार ड्यूटी नहीं कर सकते इसलिए वे मात्र मास्क लगाकर ही ड्यूटी कर रहे हैं और ऐसे में उन्हें संक्रमण का भी खतरा है।

मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा पर परेशान हो रहे मजदूरों ने बताया कि वह पैदल, साइकिल ,दुपहिया वाहनों, या बड़े वाहनों से अपने घरों की ओर निकले हैं और उन्हें रास्ते में खाने-पीने के लिए भी समस्या उठानी पड़ रही है ऐसे में यदि उन्हें घर नहीं जाने दिया गया तो परेशानी बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि रोके जाने के चलते वे अधर में महसूस कर रहे थे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार इस तरह से महाराष्ट्र से निकलकर सीमा पार कर अपने राज्यों की ओर जाने वाले एक अन्य व्यक्ति की आज मृत्यु हो गई । महाराष्ट्र के भिवंडी से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मण्डल के महाराजगंज की ओर अपने साथियों के साथ साइकल पर निकले 50 वर्षीय तबारक अंसारी की बीजासन पुलिस चौकी क्षेत्र में मृत्यु हो गई। एक पखवाड़े में इस तरह की यह तीसरी मौत है।

उधर केंद्र की ताजा गाइडलाइन के मुताबिक जिला प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर फंसे अपने मजदूरों को बुलाने की रणनीति तैयार कर ली है । जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनोज सरियाम ने बताया कि बड़वानी जिले के ज्यादातर मजदूर महाराष्ट्र और गुजरात जाते हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र से तो अधिकांश मजदूर जिले में वापस आ चुके हैं और कल गुजरात से करीब 600 मजदूरों को वापस लाया गया है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को बस में बिठाने और छोड़ने के दौरान स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है तथा कोरोनावायरस सम्बन्धी गाइडलाइन के मुताबिक प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जिले में रोके गए मजदूरों को उत्तर प्रदेश राजस्थान व बिहार आदि राज्यों में भिजवाने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज जामली ,निवाली और ठीकरी के छात्रावासों ( शेल्टर हाउस) में ठहराये गए विभिन्न मजदूरों को बसों से उत्तर प्रदेश व राजस्थान पहुंचाया जा रहा है।


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