मजदूर, किसान ही बदलेंगे देश की राजनीति
देश में राजनीति का जो वर्तमान दौर चल रहा है, उसे बदलने का काम देश का मजदूर और किसान ही करेगा

नई दिल्ली। देश में राजनीति का जो वर्तमान दौर चल रहा है, उसे बदलने का काम देश का मजदूर और किसान ही करेगा, देश की राजनैतिक पार्टियों को तय करना होगा, कि वे किसके साथ हैं, देश की मेहनतकश जनता के साथ या पूंजीपतियों के साथ।
अखिल भारतीय किसान सभा के नेताओं ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए अपने आगामी रणनीति पर बात की। किसान नेता हन्नान मौल्ला का कहना था, कि 9 अगस्त को देशभर के लाखों किसान जेल भरो आंदोलन करेंगे। इसी दिन महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी, उस समय अंग्रेजों को सत्ता से हटाने के लिए देश की जनता एकजुट हुई थी, अब किसान मजदूर विरोधी मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए लामबंद होगी। यह आंदोलन देश के लगभग सभी जिलों में होगा। उनका कहना था, कि 5 सितम्बर को राजधानी में होने वाली किसान-मजदूर रैली आजाद भारत की सबसे बड़ी रैली होगी, जिसमें 5 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। किसान नेता अशोक धवले का कहना था, कि 70 साल में पहली बार किसान और मजदूर के लिहाज से सबसे बदतर सरकार केन्द्र में बनी है, जिसके पास किसानों को राहत देने के लिए कुछ नहीं है, दूसरी तरफ उद्योगपतियों को करीब 3 लाख करोड़ रुपया यह सरकार माफ कर चुकी है और 11 लाख का एनपीए बकाया है। किसान नेता कृष्णप्रसाद का कहना था, कि देश में वैकल्पिक राजनीति की जरुरत है, जो मजदूर और किसान की भागीदारी से ही शुरु होगी। उन्होंने कहा, कि देश में गाय के नाम पर जो हिंसा हो रही है, वह किसानों की एकता को तोड़ने की राजनीति है।
संघर्ष को तेज करने के लिए फंड
उत्तर भारत व पूर्वोत्तर राज्यों में किसान आंदोलन को मजबूत करने लिए किसान सभा किसान संघर्ष निधि के नाम से फंड जमा कर रही है। इसके तहत 5 करोड़ रुपए जमा करने का लक्ष्य रखा गया है। किसान नेताओं ने बताया, कि यह अभियान 22-23 व 29-30 जुलाई को चलाया जाएगा, इस लिए देश भर के किसान नेता व कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर 10-10 रुपए जमा करेंगे। किसान सभा ने इस दौरान अपना उन शुभचिंतकों के लिए अपना अकाउंट नम्बर भी जारी किया है, जो आर्थिक मदद करना चाहते हैं। अकाउंट नम्बर – 20032032844 आईएफसीएस- एएलएलए 0210163, इलाहबाद बैंक, 17 संसद मार्ग, नई दिल्ली है।


