निजी कूप, डबरी और भूमि सुधार के होंगे कार्य
राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के तहत जिले के आदिवासियों के लिए इस वर्ष तीन लाख तक के निजी कार्यो की स्वीकृत दी गई
बिलासपुर। राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के तहत जिले के आदिवासियों के लिए इस वर्ष तीन लाख तक के निजी कार्यो की स्वीकृत दी गई। जिसमें मुख्य रूप से निजी कूप, डबरी, भूमि सुधार एवं पशुपालन शेड निर्माण के साथ-साथ पौधरोपण शामिल है। जिले में आदिवासी मनरेगा मजदूर परिवारों की 65 हजार है। इस वित्तीय वर्ष लगभग 110 करोड़ रूपए खर्च कर 40 लाख मानव दिवसी रोजगार सृजित किया गया है।
गौरतलब है कि मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शासन द्वारा मनरेगा के तहत 150-200 दिवस तक कार्य उपलब्ध कराया जाता है। इसी कड़ी में जिले के आदिवासियों के लिए भी मनरेगा के तहत अलग से कार्यो की स्वीकृति की जाएगी। अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल, घुमंतू जनजाति, वन अधिकार पट्टाधारियों के लिए तीन लाख रूपए तक के कार्य स्वीकृत किए जाएंगे। जिले में कुल आदिवासी जॉबकार्डधारियों क संख्या 65 हजार है इस वित्तीय वर्ष 203 करोड़ रूपए का बजट तय किया गया है। जिसमें लगभग 110 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके है।
मजदूरी भुगतान में अव्वल
मनरेगा के कार्यो में मजदूर ज्यादा रूचि इसलिए नहीं लेते थे क्योंकि समय पर मजदूरी भुगतान नहीं हो पाता था,लेकिन इस वर्ष जिले में कार्य सम्पन्न होने के 15 दिवस के भीतर मजदूरी भुगतान किया जा रहा है, जिससे मजदूरों में मनरेगा के कार्यो में रूचि बढ़ी है। ''एमआईएसÓÓ प्रबंध सुचना प्रणाली के रिपोर्ट के अनुसार मजदूरी भुगतान में जिले का अव्वल स्थान है।
इन कार्यो की होगी स्वीकृति
आदिवासियों के लिए मनरेगा के तहत इन कार्यो की स्वीकृति दी जा रही है। निजी कूप निर्माण, निजी डबरी, भूमि सुधार, मवेशियों के लिए पशुपालन शेड, यूरिन टैंक, आहार हेतु टाका निर्माण एवं चबुतरा निर्माण तथा बर्मी, नाफेड, अंजोला, सिंचाई एवं मत्स्य पालन हेतु तालाब निर्माण,उद्यानिकी, रेशम पालन, पौधरोपण एवं कृषि वानिकी कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना में 90 दिवसों का रोजगार भी दिया जा रहा है।


