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निवेश की कमी से रुके प्रोजेक्ट्स पर काम होगा पूरा : अश्विनी वैष्णव

रेल बजट के ऐलान के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि निवेश की कमी के चलते कई प्रोजेक्ट्स रुके हुए थे। अब उन्हें पूरा करने में मदद मिलेगी

निवेश की कमी से रुके प्रोजेक्ट्स पर काम होगा पूरा : अश्विनी वैष्णव
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नई दिल्ली। रेल बजट के ऐलान के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि निवेश की कमी के चलते कई प्रोजेक्ट्स रुके हुए थे। अब उन्हें पूरा करने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि रेलवे में सरकार के बजट की ओर से एक लाख 37 हजार करोड़ का कैपिटल इन्वेस्टमेंट सपोर्ट दिया गया है। यह आंकड़ा बहुत बड़ा है। इससे निवेश की कमी की वजह से लंबे समय से जो प्रोजेक्ट रुके हुए थे, उसे पूरा करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, ''रेलवे के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो सबसे महत्वपूर्ण प्वाइंट्स थे, उन्हें बजट में शामिल किया है। रेलवे में सरकार के बजट की ओर से एक लाख 37 हजार करोड़ का कैपिटल इन्वेस्टमेंट सपोर्ट दिया गया है। यह आंकड़ा बहुत बड़ा है। इससे निवेश की कमी दूर हो जायेगी और लंबे समय से जो प्रोजेक्ट रुके हुए थे, उसे पूरा करने में मदद मिलेगी।

इसके साथ ही रेल मंत्री ने प्रेसवार्ता में कहा कि स्टेशन के लिए एक अच्छा ब्लूप्रिंट तैयार है और 12 हजार करोड़ रुपये तीन महीने पहले ही मंजूर कर दिए गए थे, जिसे आगे लेकर जाता है। वंदेभारत ट्रेन की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे है। यह तकनीक का पहला वर्जन अभी चल रहा है और दूसरे वर्जन की डिजाइन पूरा हो गया है। उसका निर्माण चल रहा है और अप्रैल महीने से टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। बजट में अलग जेनरेशन के लिए तैयार करने का टारगेट दिया गया है। अगर वंदे भारत प्रीमियम कैटेगरी की होती तो ऑक्यूपेंसी कम होती। फिलहाल दोनों वंदे भारत ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी 95 फीसदी है।

रेल मंत्री ने कहा, कवच भारत में ही डेवलप टेक्नोलॉजी है। यह एक वल्र्डक्लास टेक्नोलॉजी है। बजट के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे जगह दी है। देश में इस तकनीक को डेवलप करके विश्वभर में इसे एक्सपोर्ट करने का टारगेट लेना चाहिए। जिन देशों में बहुत अच्छा रेलवे नेटवर्क है, वहां इसे एक्सपोर्ट करना होगा।''

वहीं उन्होंने एक स्टेशन, एक उत्पाद योजना पर कहा कि रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक्स सर्विस विकसित करेगा, जिससे स्थानीय उत्पाद की सप्लाई चेन बढ़ाने के लिए 'एक स्टेशन, एक उत्पाद' योजना शुरू भी की जाएगी। इससे देश के विकास को गति मिलेगी। भारतीय रेलवे की गति के लिए 100 गतिशक्ति कार्गो का भी प्लान है।

उन्होंने कहा कि बजट से रेलवे के एकीकरण से दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बेहतर लॉजिस्टिक्स समाधान आएंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा और रोजगार के अधिक अवसर आएंगे। उन्होंने कहा कि अगस्त सितंबर से फैक्ट्री से हर महीने 7-8 ट्रेनें निकलती नजर आएंगी। आने वाले तीन सालों में 400 वंदे भारत ट्रेनें चलाए जाने की योजना है।

वहीं बुलेट ट्रेन पर रेल मंत्री ने कहा कि फिलहाल 5 किलोमीटर प्रति महीने पिलर बना रहे हैं, लेकिन इसे 10 किलोमीटर तक हर महीने लेकर जाना है। अभी काम कल रहा है। इसके साथ ही ट्रेन में बेडिंग की सेवा फिर से शुरू करने पर उन्होंने कहा कि यह सेवा कुछ वक्त में चालू हो जाएगी। ओमिक्रॉन की वजह से इसे टाला गया था।

इसके साथ ही रेलवे भर्ती प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों को लेकर उन्होंने कहा कि आरआरबी की नॉन टेक्निकल लोकप्रिय कैटेगरी एनटीपीसी परीक्षा के परिणामों को लेकर चल रहे विवाद पर मंत्रालय काम कर रहा है। रेलवे एक स्थिर और दीर्घकालिक संस्थान है। यहां लोग नौकरी करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, हमने आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा की साल 2019 में घोषणा की थी। इसके लिए टीसीएस को भी नियुक्त किया गया था। कोरोना महामारी के बाद भी हमने ट्रांसपेरेंसी से परीक्षा करवाई है। छात्रों को कुछ समस्याएं थीं, जिनका हम लोग समाधान करेंगे। अभी तक एक लाख से ज्यादा छात्रों के रिप्रेजेंटेशन आए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने भी ट्रेन में पेपर बिछाकर स्लीपर में सफर किया है। मुझे एहसास है इन छात्रों की परेशानी का।


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