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विधि और न्याय क्षेत्र में भारतीय भाषाओं में हो काम : अतुल कोठारी

भारतीय भाषा अभियान की केंद्रीय समिति का सोमवार को पुर्नगठन किया गया

विधि और न्याय क्षेत्र में भारतीय भाषाओं में हो काम : अतुल कोठारी
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नई दिल्ली। भारतीय भाषा अभियान की केंद्रीय समिति का सोमवार को पुर्नगठन किया गया। इसके लिए आयोजित हुई केंद्रीय समिति की बैठक में भारतीय भाषा अभियान के संस्थापक, संरक्षक और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव, अतुल कोठारी ने कहा कि, "शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की ओर से वर्ष 2015 में भारतीय भाषा अभियान की शुरूआत हुई थी। भारती भाषा अभियान एक मंच के रूप में कार्य करेगा और विशेषकर विधि एवं न्याय के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं में कार्य हो, इसके लिए व्यक्तियों और संस्थाओं को जोड़कर सभी के सहयोग से कार्य करेगा।" राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि, "विगत पांच वर्षो से अभियान के कार्य का सर्वाधिक मात्रा में विस्तार हुआ है। सफलता भी अर्जित की है। अभियान के प्रारंभ में ही तय हुआ था कि प्रति तीन वर्ष में सभी स्तर पर दायित्वों की दृष्टि से पुर्नगठन होना चाहिए। इस दृष्टि से केंद्रीय समिति का पुर्नगठन किया जा रहा है जो, सोमवार से ही प्रभावी होगा।"

नई केंद्रीय समिति में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी संरक्षक, वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता राष्ट्रीय संयोजक, जबकि मूलचंद्र गर्ग, डॉ. विनय कपूर, भगवान स्वरूप शुक्ल, प्रो.राजेश वर्मा, संजित कुमार और ईश्वर दयाल कंसल सदस्य बने हैं।

नवनियुक्त राष्ट्रीय संयोजक अशोक मेहता ने सबके सहयोग से भारतीय भाषा अभियान के विस्तार की अपील की। डॉ. विनय कपूर ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्य विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया। न्यायमूर्ति मूलचन्द्र गर्ग ने इस कार्य में पूर्व न्यायधीशों को जोड़ने और बार काउन्सिल, बार एसोसिएशन से सहयोग लेकर कार्य को आगे बढ़ाने की बात कही। प्रो. राजेश वर्मा ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों को द्विभाषी करने की बात की।


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