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महिला विश्व कप : हरमनप्रीत की तूफानी पारी से भारत फाइनल में

भारत ने हरमनप्रीत की तूफानी पारी के दम पर निर्धारित 42 ओवरों के मैच में चार विकेट खोकर 281 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया

महिला विश्व कप : हरमनप्रीत की तूफानी पारी से भारत फाइनल में
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डर्बी। हरमनप्रीत कौर (नाबाद 171) की बेहतरीन पारी के दम पर दिए गए 282 रनों के लक्ष्य के दबाव का भारतीय गेंदबाजों ने भरपूर फायदा उठाते हुए मौजूदा विजेता आस्ट्रेलिया को महिला विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल मैच में गुरुवार को 36 रनों से हराते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया।

भारत ने हरमनप्रीत की तूफानी पारी के दम पर निर्धारित 42 ओवरों के मैच में चार विकेट खोकर 281 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। आस्ट्रेलियाई टीम इस मजबूत लक्ष्य के सामने 40.1ओवरों में सभी विकेट खोकर 245 रन ही बना सकी।

बारिश के कारण मैच देरी से शुरू हुआ था इसलिए अंपायरों ने मैच के ओवरों की संख्या 50 ओवरों से घटाकर 42 कर दी थी। फाइनल में भारत का सामना रविवार को मेजबान इंग्लैंड से लॉर्ड्स मैदान पर होगा। भारत दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है। पहली बार उसने 2005 में विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी, जहां आस्ट्रेलिया ने उसे खिताब जीतने से रोक दिया था।

हरमनप्रीत ने खराब शुरुआत से टीम को निकालते हुए 115 गेंदों में 20 चौके और सात छक्कों की मदद से तूफानी पारी खेली। धीमी शुरुआत करने वाली इस खिलाड़ी ने कप्तान मिताली राज (36) और दीप्ति शर्मा (25) के साथ दो अहम साझेदारी करते हुए टीम को विशाल स्कोर तक पहुंचाया।

हरमनप्रीत द्वारा बनाए गया स्कोर महिला विश्व कप के नॉकआउट मैचों में सर्वाधिक स्कोर है।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी मौजूदा विजेता कहीं भी भारतीय गेंदबाजों के सामने नहीं टिकीं। उसने 21 रनों पर ही अपने तीन विकेट खो दिए थे। निकोले बोल्टन (14), बेथ मूनी (1) और कप्तान मेग लेनिंग बिना खाता खोले पवेलियन लौट गई थीं।

यहां से एलिस पैरी (38) और एलिस विलानी (75) ने तीसरे विकेट के लिए 105 रनों की साझेदारी करते हुए टीम के जीतने की उम्मीदों को जिंदा रखा। राजेश्वारी गायकवाड ने इस साझेदारी को 126 के कुल स्कोर पर तोड़ा। विलानी 58 गेंदों में 13 चौके मारने के बाद पवेलियन लौट गई थीं।

पैरी को 140 के कुल स्कोर पर शिखा पांडे ने आउट किया। यहां से भारतीय गेंदबाज एक बार फिर आस्ट्रेलिया पर हावी हो गईं और 169 रनों पर ही उसके नौ विकेट गिरा दिए। जीत करीब लग रही थी, लेकिन इसी बीच एलेक्स ब्लैकवेल ने मैच में रोमांचक मोड़ ला दिया। उन्होंने तेजी से रन बटोरने शुरू किए और अंत में 56 गेंदों में तीन छक्के और 10 चौकों की मदद से 90 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सकीं। उन्होंने कस्टर्न बीम्स (नाबाद 11) के साथ दसवें विकेट के लिए 76 रन जोड़े।

ब्लैकवेल के रूप में आस्ट्रेलिया का आखिरी विकेट गिरा। दीप्ति ने उन्हें बोल्ड कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। भारत की तरफ से दीप्ति ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। झूलन गोस्वामी और शिखा ने दो-दो विकेट लिए। राजेश्वरी गायकवाड़ और पूनम यादव को एक-एक विकेट मिला।

इसस पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम अच्छी शुरुआत नहीं मिली। स्मृति मंधाना (6) ने बल्ले से एक बार फिर नाकाम रहीं। वह पहले ही ओवर की आखिरी गेंद पर छह रनों के कुल स्कोर पर आउट हो गईं।

पूनम राउत (14) भी कुछ खास नहीं कर पाईं और 35 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौट गईं। इसके बाद हरमनप्रीत और कप्तान मिताली ने टीम को संभाला और तीसरे विकेट के लिए 66 रनों की साझेदारी करते हुए सौ का आंकड़ा पार कराया।

मिताली 101 के कुल स्कोर पर आउट होकर पवेलियन लौट गईं। दूसरे छोर पर खड़ी हरमनप्रीत को इसके बाद दीप्ति शर्मा का साथ मिला। दोनों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 137 रन जोड़े।

इस जोड़ी ने धीमी शुरुआत के बाद लय पकड़ी और फिर टीम को मजबूत स्कोर प्रदान किया। हालांकि इस दौरान हरमनप्रीत तेजी से रन बनाती दिखीं जबकि दीप्ति ने उनका अच्छा साथ दिया और स्ट्राइक रोटेट करती रहीं। उन्होंने 35 गेंदों में 25 रन बनाए और सिर्फ एक चौका मारा।

इस जोड़ी को विलानी ने 238 के कुल स्कोर पर तोड़ा। इसके बाद वेदा कृष्णामूर्ति ने हरमनप्रीत का अच्छा साथ दिया। इस जोड़ी ने चार ओवरों के बल्लेबाजी पावरप्ले में 57 रन जोड़ आस्ट्रेलिया को विशाल लक्ष्य दिया।

आस्ट्रेलिया की तरफ से मेगन शट, एशेल गार्डनर, कर्स्टन बीम्स, विलानी ने एक-एक विकेट लिया।


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