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महिला आरक्षण बिल : महिला उपाध्यक्षों के पैनल ने कराई चर्चा

राज्यसभा ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान एक नया रिकॉर्ड बनाया है। राज्यसभा में महिला उपाध्यक्षों के एक बड़े पैनल के नेतृत्व में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा की गई। पीटी उषा से लेकर जया बच्चन और कनिमोझी से लेकर डोला सेन तक एक दिन के लिए कुल 13 महिला उपाध्यक्ष बनाई गईं।

महिला आरक्षण बिल : महिला उपाध्यक्षों के पैनल ने कराई चर्चा
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नई दिल्ली । राज्यसभा ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान एक नया रिकॉर्ड बनाया है। राज्यसभा में महिला उपाध्यक्षों के एक बड़े पैनल के नेतृत्व में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा की गई। पीटी उषा से लेकर जया बच्चन और कनिमोझी से लेकर डोला सेन तक एक दिन के लिए कुल 13 महिला उपाध्यक्ष बनाई गईं।

उपाध्यक्षों के पैनल में नामांकित महिला राज्यसभा सदस्यों में पीटी. उषा, एस. फांगनोन कोन्याक, जया बच्चन, सरोज पांडे, रजनी अशोकराव पाटिल, डॉ. फौजिया खान, डोला सेन, इंदु बाला गोस्वामी, कनिमोझी एनवीएन सोमू, कविता पाटीदार, महुआ माजी, डॉ. कल्पना सैनी, सुलता देव शामिल रहीं।

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक, 2023 पर चर्चा के लिए 13 महिला राज्यसभा सदस्यों के उपाध्यक्ष पैनल का पुनर्गठन किया था।

उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि इस पद पर उनकी उपस्थिति से विश्वभर में एक शक्तिशाली संदेश जाएगा और यह इस बात का प्रतीक होगा कि परिवर्तन के इस युगांतकारी क्षण के दौरान वे (महिलाएं) एक 'प्रभावशाली पद' पर थीं।

गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के उपरांत जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है। संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है।

गुरुवार को राज्यसभा में बोलते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि यदि आज यह बिल पास किया जाता है तो 2029 में महिलाएं, आरक्षित सीटों पर सांसद बनकर आ जाएंगी। भाजपा अध्यक्ष ने राज्यसभा में कहा कि यही सबसे छोटा रास्ता है। उन्होंने कहा कि यदि बिल पास नहीं किया जा सका तो 2029 में भी महिलाएं चुनकर नहीं आ सकेंगी।


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