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महिला विश्व कप : भारत-न्यूजीलैंड के बीच भिड़ंत

लगातार दो मैचों में पराजय के साथ भारतीय महिला क्रिकेट टीम का आत्मविश्वास निश्चय ही डगमगा गया होगा

महिला विश्व कप : भारत-न्यूजीलैंड के बीच भिड़ंत
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डर्बी। लगातार दो मैचों में पराजय के साथ भारतीय महिला क्रिकेट टीम का आत्मविश्वास निश्चय ही डगमगा गया होगा। यह आत्मविश्वास न्यूजीलैंड के खिलाफ महिला विश्व कप के मैच में जीत हासिल करके ही लौटेगा।

यहां के काउंटी क्रिकेट ग्राउंड पर शनिवार को खेले जाने वाला यह मुकाबला दोनों टीमों के लिए करो या मरो का मुकाबला होगा।

विश्व कप के इस 11वें पड़ाव में अपनी कमजोरियों से तुरंत निजात पाना ही इस आत्मविश्वास को पाने का नुस्खा है।

वैसे मौजूदा फॉर्म, आंकड़े और मैच के नतीजे को लेकर पूर्व महिला क्रिकेटरों की भविष्यवाणी भारत के खिलाफ जाती है।

विश्व कप में इन दोनों टीमों के बीच अब तक जिन दस मैचों का परिणाम निकला है, उनमें न्यूजीलैंड ने नौ में जीत हासिल की है, जबकि भारत को उसके खिलाफ एकमात्र जीत 2005 के विश्व कप सेमीफाइनल में हासिल हुई थी, जहां भारत सवा सेर साबित होते हुए पहली बार फाइनल में पहुंचने में सफल रहा था।

दक्षिण अफ्रीका में खेले गए उस मैच में भारत को 40 रन से जीत हासिल हुई थी। उस मैच में मौजूदा टीम की दो खिलाड़ी झूलन गोस्वामी और मिताली राज खेली थीं।

वहीं न्यूजीलैंड की महान क्रिकेटर और मौजूदा कोच हैडी टिफिन की नजर उस हार का बदला लेने पर टिकी होगी।

दोनों टीमों को हालांकि विश्व कप के पिछले मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है। भारत को ऑस्ट्रेलिया ने जबकि न्यूजीलैंड को इंग्लैंड ने हराया था।

शनिवार को होने वाले मुकाबले में भारत को अपने परम्परागत खेल को छोड़कर कुछ अलग रणनीति बनानी होगी।

किवी कप्तान सूजी बेट्स की अगुवाई में न्यूजीलैंड की टीम अपने तेजतर्रार अंदाज से भारत पर भारी पड़ती है।

बेट्स 2008 के बीजिंग ओलिम्पिक खेलों में अपने देश के लिए बास्केटबॉल खेल चुकी हैं। क्रिकेट में किसी ओलिम्पियन के भाग लेने का यह पहला मौका है।

इसके अलावा 16 साल की लेग स्पिनर अमेलिया केर भी अपने प्रदर्शन से भारतीय खिलाड़ियों को चौंकाने का माद्दा रखती हैं।

इस विश्व कप में भारत की बड़ी ताकत बल्लेबाजी है, लेकिन उसी ने उसे पिछले दो मैचों में डुबोया है।

स्कोरबोर्ड पर बड़ा स्कोर अंकित न होने पर गेंदबाज भी असहज दिखाई दिए हैं।

अच्छी फ्लाइट पर विकेट के पीछे स्टम्पिंग भारत की ताकत रही है। डर्बी का मैदान भारतीयों के लिए घरेलू ग्राउंड की तरह साबित हुआ है, जहां भारत ने अपने शुरुआती मुकाबले जीते हैं।

भारतीय कोच तुषार अरोठे टीम बल्लेबाजी को धारदार बनाने के लिए बल्लेबाजी क्रम में बदलाव के अलावा फील्डिंग की जमावट और भारतीय खिलाड़ियों की ओवरऑल बॉडी लैंग्वेज को बदलने की दिशा में काम कर सकते हैं।

मिताली राज वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक रनों का रिकार्ड अपने नाम कर चुकी हैं। अब उन्हें झूलन गोस्वामी, दीप्ति शर्मा और पूनम यादव से अच्छे सहयोग की उम्मीद है।

वहीं न्यूजीलैंड की पूर्व कप्तान और मौजूदा कोच टिफिन भारतीय टीम को रोकने के हर सम्भव प्रयास करने में पीछे नहीं हटेंगी।


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