प्लास्टर खुलवाने दो दिन से महिला सिम्स परिसर में पड़ी
सिम्स में इलाज के लिए व जानकारी के अभाव में मरीजों का भटकना तो आम बात है लेकिन रविवार के दिन तो मरीजों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती है
बिलासपुर। सिम्स में इलाज के लिए व जानकारी के अभाव में मरीजों का भटकना तो आम बात है लेकिन रविवार के दिन तो मरीजों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती है। जिससे लोग हलाकान होते रहते हैं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा छुट्टी के दिन के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था मरीजों के लिए नहीं कीगई है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। शहडोल निवासी एक महिला मरीज शनिवार से अपने पैर के फ्रैक्चर खुलवाने के लिए सिम्स कैश काउंटर के सामने लेटी हुई मगर किसी की नजर उस पर नहीं पड़ी।
विवार अवकाश होने से सिम्स में आने वाले मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। वहीं छुट्टी होने से उन्हें इलाज के लिए एक दिन का इंतजार करना पड़ता है। खासकर दूरदराज व दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों को इससे खास परेशानी होती है। सिम्स में कलसे पैर का प्लास्टर खुलवाने आई एक वृद्धा अस्पताल परिसर में ही पड़ी हुई है। जिसका प्लास्टर आज तक नहीं खोला गया। शहडोल निवासी रदौली बाई 65 वर्ष ने बताया कि पैर की हड्डी टूट जाने से सिम्स में पिछले महीने इलाज के लिए आये थे जहां डाक्टरों ने प्लास्टर चढ़ा दिया था और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में आर्थो वार्ड के डाक्टर ने बुलाया था। कल दोपहर से सिम्स आये है यहां न डाक्टर मिले ना ही शल्य क्रिया विभाग में कोई कर्मचारी दिये। उसने यह भी बताया कि अब तक दिन तो यहां गुजार लिये हैं कल डॉक्टर से मिलकर ही वापस घर जायेंगे।
ज्ञात हो कि सिम्स में ऐसे कई मरीज बाहर से आते हैं जिन्हें डाक्टरों के नहीं होने से व अवकाश के दिन होने से बहुत परेशानी होती है। वहीं उनका इलाज भी छुट्टी के दिनों में प्रभावित होता है और केजुअल्टी में मौजूद डाक्टर स्टाफ व हेल्प डेस्क में मौजूद कर्मचारी ऐसे मरीजों को मदद करना तो दूर सही जानकारी भी नहीं देते हैं, जिससे सिम्स के ईद-गिर्द व परिसर में कई मरीज दो दिन तीन तक तड़पते हुए बिना चिकित्सा सुविधा के गुजार देते हैं।


