6 माह से लापता महिला रायगढ़ के अस्पताल में मिली
पंजाब के पटियाला से लापता हुई गर्भवती महिला को लेने उसके परिजन रायगढ़ पहुंच गए हैं

रायगढ़। पंजाब के पटियाला से लापता हुई गर्भवती महिला को लेने उसके परिजन रायगढ़ पहुंच गए हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती बहन को देख, भाई के आंखों से आंसू छलक पड़े। जो करीब 6 माह से लापता बहन को पंजाब व हरियाणा में चप्पा-चप्पा खोजने के बाद मृत मान चुके थे।
परिजनों ने बताया कि रायगढ़ के लोगों ने उसकी मानसिक विक्षिप्त बहन के साथ कुछ अनहोनी नहीं होने दी। वही सखी सेंटर की मदद से परिजनों को खोज, अब उसे सुपुर्द करने की तैयारी की जा रही है। उसके भाई तथा उसके जीजा एवं अन्य रिश्तेदार खुशी से गदगद हैं चूंकि उन्हें लगभग सात महीने बाद उनकी बहन न केवल जीवित मिली बल्कि उसके पेट में पल रहा बच्चा भी स्वस्थ्य है।
इसे संयोग ही कहा जाएगा कि एक महिला केलो बाई अपने ससुराल वालों की प्रताड़ना के चलते 7 माह तक अपने परिजनों से न केवल दूर रही बल्कि उसके पेट में पल रहे बच्चे को भी दर-दर की ठोंकरे खानी पड़ी। लेकिन एक पहल के जरिए अब वह अपने परिवारवालों के साथ वापस मायके लौट रही है। कई माह से लापता व विक्षिप्त बहन को पंजाब के पटियाला से लेने आए भाई ने कहा कि उनके द्वारा पंजाब के साथ हरियाणा के चप्पे-चप्पे में बहन को खोजा गया। पर समय बीतने के साथ उम्मीद भी खत्म हो रही थी। पर अचानक पटियाला पुलिस घर पहुंची और केलो के जिंदा होनी की सूचना दी।
बकायदा उससे फोन पर बात भी कराई गई। जिसके बाद गर्भवती केलो को लेेने के लिए उसके परिजन रविवार की देर रात रायगढ़ पहुंचे। रायगढ़ के नेतनागर में पिछले 3 माह से लावारिश रूप से घूम रही महिला की जानकारी स्थानीय ग्रामीणों ने सखी सेंटर को दी थी। सखी सेंटर ने विक्षिप्त महिला केलो की काउंसलिंग की। जहां पंजाब के पटियाला का नाम आया। उसके बाद उसके परिजनों तक पहुंचने की पहल की गई। जिसमें करीब 72 घंटे बाद सफलता मिली। अपनी बहन को अस्पताल में पाकर उसका भाई इच्छाराम खुशी से फूला नही समा रहा है और उसकी आंख की चमक भी बता रही है कि जिस बहन को उन लोगों ने मरा हुआ मान लिया था वह आज जीवित उनके सामने खडी है। पंजाब के संगरूर जिले के ग्राम भवानीगढ़ से होते हुए ये तीनो आज छत्तीसगढ़ के रायगढ़ पहुंचे और चर्चा के बाद उन्होंने ने जो बताया वह आप सुने।
पहले उसकी बहन से हमने चर्चा की जो पंजाब से गायब थी और उसके बाद उसके भाई की दास्तान सुने कि उसके भाई ने कैसे अपनी बहन के उपर हुए जमीन को लेकर अत्याचार के बाद उसे मरा हुआ मान लिया था। उसके जीजा जग्गी ने भी पूरी दास्तां बताते हुए कहा कि ससुराल वालों ने इसकी चार माह की बच्ची को भी कहां छुपा दिया है यह पता नही चल पा रहा है और केलो को कुछ खिलाकर गाड़ी में बैठा दिया था। 7 माह से वे परिवार के साथ मिलकर खोजने में मशगूल थे और पंजाब पुलिस को भी इसकी सूचना दी थी। अब उन्हें उनकी साली जीवित मिली है तो वे उसे न केवल पालेंगे बल्कि ससुराल से दूर रखकर उसके पेट में पल रहे बच्चे की भी देखभाल करेंगे।
उन्हें भरोसा है अब उन्हें इंसाफ मिलेगा। वहीं सखी वन स्टाफ की प्रमुख बताती है कि तीन दिन पहले ही उन्हें नेतनागर के पास इस महिला की बेहोशी में पड़े होनें की सूचना मिली थी और तत्काल इस महिला के पास उनकी टीम पहुंचकर उसे अस्पताल में दाखिल कराया था और महिला मानसिक रूप से खासी परेशान थी और उससे पूछताछ के बाद अंदाजा लगाया कि वह पंजाब की है तब इंटरनेट के माध्यम से इसका पता लगा कर घरवालों को सूचना दी।
अब घरवालों को बुलाकर उन्हें सुपुर्द किया जा रहा है। बहरहाल मेडिकल कालेज से अपनी बहन को उसका परिवार वापस पंजाब ले जा रहा है और परिवार वालों को यह उम्मीद है कि उसकी बहन को अब वहां की पुलिस इंसाफ दिलाएगी।


