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इकलौते पुत्र की तलाश में भटक रही महिला को महिला आयोग की कार्रवाई से मिली राहत

विगत एक साल से अपने इकलौते पुत्र के तलाश में भटक रही महिला को अंतत: महिला आयोग की सुनवाई में उपस्थित होने से राहत मिली

इकलौते पुत्र की तलाश में भटक रही महिला को महिला आयोग की कार्रवाई से मिली राहत
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रायपुर। विगत एक साल से अपने इकलौते पुत्र के तलाश में भटक रही महिला को अंतत: महिला आयोग की सुनवाई में उपस्थित होने से राहत मिली। इस प्रकरण में आवेदिका श्रीमती जगदम्बा सेना पति स्व. भुवनेश्वर सेना झोपड़ीपारा, संजय गाँधी वार्ड-34, रेल्वे कॉलोनी जगदलपुर, जिला-बस्तर (छ.ग.) के पुत्र शेखर सेना के लापता होने के संबंध में आवेदिका द्वारा बोडघाट थाना में गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, किन्तु अभी तक आवेदिका के पुत्र शेखर सेना का पता थाना बोडघाट पुलिस द्वारा नहीं लगाया जा सका है। आवेदिका ने शंका जाहिर की है, कि उनके पुत्र शेखर सेना का हत्या कर, कहीं फेंक या गाड़ दिया गया है।

आवेदिका ने आपने आवेदन में 5 संदिग्धों पर शक जाहिर किया। ये सभी संदिग्ध संजय गाँधी वार्ड-34, रेल्वे कॉलोनी जगदलपुर, जिला-बस्तर (छ.ग.) के निवासी है।आवेदिका ने इन सभी पर हत्या करने का शक जाहिर की है।

यह घटना 9 जुलाई.2019 की रात की है, इस पर रोती बिलखती माँ को न्याय नहीं मिल सका था।

आवेदिका श्रीमती जगदम्बा सेना के पुत्र शेखर सेना का गुम होने के पश्चात् उसके कुछ दोस्तों ने आवेदिका के पास शेखर सेना का कुछ समान छोड़ा था और उसके बाद से ही उसके बेटे का पता नहीं चला था। 09 जुलाई 2019 से उसका बेटा लापता था। थाना बोडघाट में गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज किया गया था। महिला आयेाग में आवेदिका के द्वारा नवम्बर 2019 से प्रकरण दर्ज था और नार्को टेस्ट कराये जाने के लिए माह फरवरी 2020 से मामला लंबित था।

6 नवम्बर 2020 को जगदलपुर में महिला आयोग की सुनवाई के दौरान आवेदिका ने बताया था, कि जिन लोगों पर शक है उन लोगों की जानकारी में है कि उसका पुत्र जीवित है या मृृत है, उसकी जांच करने में पुलिस विभाग लापरवाही कर रही है, बीच में संदेहीजनों के बताये जाने पर, जे.सी.बी. से खुदाई भी कराई गई थी, पर आवेदिका के बेटे का कहीं भी पता नहीं चला।

जिस पर महिला आयोग के अध्यक्ष के द्वारा प्रकरण को संज्ञान में लिया गया और उपस्थित पुलिस अधिकारियों से पुछताछ करने पर उनके द्वारा जानकारी दिया गया कि कोविड-19 के कारण न्यायालय बंद है और 17 नवम्बर 2020 से न्यायालय खुलने पर जिला दण्डाधिकारी से नार्को टेस्ट की अनुमति मिलने पर ही, नार्को टेस्ट हो सकेगा।

इस पूरे प्रकरण में त्वरित कार्यवाही के लिए पुलिस अधीक्षक जगदलपुर, पुलिस महानिरीक्षक बस्तर संभाग एवं जिला सत्र न्यायाधीश बस्तर तीनों से अध्यक्ष ने बात की कि इस प्रकरण में नार्को टेस्ट की अनुमति शीघ्र दिया जाये।

जिला संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान योजना जगदलपुर के द्वारा सूचना दिया गया कि पुलिस विभाग के जिला सत्र न्यायालय से अनुमति लिया गया है और इस मामले के सभी संदिग्ध व्यक्तियों का नार्को टेस्ट लिया जायेगा, जिससे आवेदिका को शीघ्र न्याय मिल सकेगा।


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