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आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म मामले में प्रत्यक्षदर्शियों ने दी गवाही

आसाराम और उनके बेटे पर लगे दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को एक प्रत्यक्षदर्शी ने यहां सत्र न्यायालय में गवाही दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी

आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म मामले में प्रत्यक्षदर्शियों ने दी गवाही
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गांधीनगर। आसाराम और उनके बेटे पर लगे दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को एक प्रत्यक्षदर्शी ने यहां सत्र न्यायालय में गवाही दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। आसाराम और उसके बेटे नारायण साई पर गुजरात के सूरत में दो बहनों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। बड़ी बहन ने आसाराम पर 1997 और 2006 में अहमदाबाद स्थित मोटेरा आश्रम में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया जबकि छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साई पर यही आरोप लगाए हैं।

जोधपुर की जेल में बंद आसाराम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांधीनगर की अदालत में हुई इस सुनवाई में हिस्सा लिया।

वकील आर.सी कोडेकर ने कहा, "निचली अदालत की कार्यवाही बंद कमरे हुई है इसलिए कानूनी तौर पर हम कोई जानकारी नहीं दे सकते। अगली सुनवाई 14 मई को होगी।"

अब तक दो दर्जन प्रत्यक्षदर्शियों ने अदालत में अपने बयान दर्ज कराए हैं और अन्य को अभी बयान दर्ज कराने हैं। सुरक्षा कारणों के कारण अदालत की कार्यवाही कैमरे में कैद की गई।

आसाराम और उसके बेटे के जेल में बंद होने के बावजूद अब तक छह गवाहों पर हमला हो चुका है। इनमें से दो की आसाराम के अनुयायियों ने हत्या कर दी।

आसाराम के खिलाफ मार्च 2016 में दुष्कर्म के आरोप तय किए गए और बाद में इसे सूरत से गांधीनगर स्थानांतरित कर दिया गया। आरोप पत्र में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी और उनकी बेटी भारती का नाम भी शामिल किया गया।

इस कथित अपराध को अंजाम देने में मदद करने के लिए चार अन्य महिलाओं का नाम भी शामिल किया गया है।

जोधपुर की एक विशेष अदालत ने 25 अप्रैल को आसाराम को 2013 में राजस्थान के अपने आश्रम में एक नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में भी दोषी पाया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने अप्रैल में आसाराम की जमानत याचिका खरिज कर दी थी और कमजोर जांच करने के लिए गुजरात पुलिस को भी इस मामले से पीछे खींच लिया था।

न्यायालय ने कहा कि मामले के साक्ष्यों को पांच सप्ताह के भीतर ही रिकॉर्ड किया जाना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय इससे पहले भी कई बार आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है।


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