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इरफान के बिना 'दूब.' बनाना असंभव था :मोस्तोफा सरवर फारूकी

बांग्लादेश की फिल्म 'दूब: नो बेड ऑफ रोजेज' को विदेशी भाषा की फिल्म श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया

इरफान के बिना दूब. बनाना असंभव था :मोस्तोफा सरवर फारूकी
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मुंबई। बांग्लादेश की फिल्म 'दूब: नो बेड ऑफ रोजेज' को विदेशी भाषा की फिल्म श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया है। इस फिल्म के निर्देशक मोस्तोफा सरवर फारूकी का कहना है कि भारतीय अभिनेता इरफान के बिना यह फिल्म बनना संभव नहीं होता। 2017 की इस द्विभाषी फिल्म में इरफान ने प्रमुख भूमिका निभाई है, साथ ही वे इस फिल्म के सह-निर्माता भी हैं।

इरफान फिलहाल लंदन अपने न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का इलाज करा रहे हैं। वे इस फिल्म को ऑस्कर के लिए चुने जाने पर काफी खुश हैं।

अभिनेता के प्रवक्ता ने इरफान के तरफ से एक बयान में कहा, "जूरी द्वारा मान्यता मिलना एक सम्मान है और लंबे समय बाद फिल्म को वह पहचान मिल रही है, जो इसे मिलनी चाहिए थी।"

फारूकी ने कहा, "मैं खुश हूं कि 'दूब : नो बेड ऑफ रोजेज' ऑस्कर में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व कर रही है। मुझे उम्मीद है कि फिल्म को अकादमी के वोटर्स का कुछ प्यार मिलेगा। जहां तक इरफान के साथ मेरी भागीदारी का सवाल है, इस फिल्म में अभिनेता और सह-निर्माता के रूप में उनकी भागीदारी के बिना इस फिल्म का निर्माण संभव नहीं होता।"

इस फिल्म में इरफान ने एक सफल फिल्म निर्माता की भूमिका निभाई है, जो जीवन के उस दौर में है, जब वह अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए बेटी की सहेली से रिश्ता बना लेता है, जिससे पूरे देश में हंगामा मच जाता है।

इस फिल्म को शुरू में बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि इसकी कहानी लेखक और फिल्मकार अहमद के जीवन से मिलती-जुलती थी, जिन्होंने शादी के 27 सालों बाद अपनी पत्नी को तलाक दे दिया था और खुद से 33 साथ छोटी अभिनेत्री के साथ रिश्ता जोड़ लिया था।

बाद में 2017 के अक्टूबर में प्रतिबंध हटा लिया गया और यह फिल्म बांग्लादेश, फ्रांस, भारत और ऑस्ट्रेलिया में रिलीज की गई।


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