यूनीसेफ की मदद से जल ऑडिट पर शुरू हो रहा है नया शैक्षणिक पाठ्यक्रम
एनसीईआरटी ने राष्ट्रीय अभियान 'कैच द रेन' के हिस्से के रूप में एक पाठ्यक्रम शुरू किया है

नई दिल्ली। एनसीईआरटी ने राष्ट्रीय अभियान 'कैच द रेन' के हिस्से के रूप में एक पाठ्यक्रम शुरू किया है। यह पाठ्यक्रम यूनीसेफ और पर्यावरण शिक्षा केंद्र (सीईई) की सहायता से शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। यह एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम है जो दीक्षा प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन कोर्स में शामिल किया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए कोर्स असेसमेंट में 70 फीसदी और उससे अधिक स्कोर करना अनिवार्य होगा। इस कोर्स के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 25 मार्च 2022 है।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि दीक्षा प्लेटफार्म पर शुरू किए गए इस महत्वाकांक्षी ऑनलाइन पाठ्यक्रम के जरिए स्कूलों में जल ऑडिट परीक्षा, संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर ध्यान केंद्रित करने वाला पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय यह महत्वपूर्ण कदम नई शिक्षा नीति के तहत किए गए प्रावधानों के अंतर्गत उठा रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में आईआईटी जम्मू में शुरू किए गए नए कोर्स इसके बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया था कि आईआईटी जम्मू में जो नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं, उनमें टनल इंजीनियरिंग, हिमालय और पहाड़ों के सतत विकास, पहाड़ों में जि़ंदगी आसान बनाना शामिल हैं। इनके अलावा यहां वन्य-पर्यावरण संरक्षण से सम्बंधित अनेक 21वीं सदी के विषयों पर देश में पहली बार आईआईटी जम्मू में कोर्स शुरू किया जा रहा है।
गौरतलब है कि जम्मू भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के नए कैंपस का उद्घाटन किया गया है। 210 करोड़ रुपए की लागत से बने आईआईटी जम्मू के नए कैंपस में छात्रों की उच्च शिक्षा की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
'भारत में शहरी नियोजन क्षमता में सुधार' जैसे महत्वपूर्ण विषय पर नीति आयोग ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव व अन्य महकमों के सहयोग से एक रिपोर्ट भी तैयार की है। इसके जरिए भी भारत में शहरी नियोजन क्षमता बढ़ाने का उद्देश्य है। इसी के अन्तर्गत योजनाकारों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एमटेक पाठ्यक्रम की बात कही गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक सभी राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से देश में योजनाकारों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रम (एमटेक योजना) की पेशकश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
रिपोर्ट यह भी सिफारिश करती है कि ऐसे सभी संस्थान ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और संबंधित राज्य के ग्रामीण विकास विभागों व निदेशालयों के साथ तालमेल बिठाएं और ग्रामीण क्षेत्र नियोजन पर मांग-संचालित अल्पकालिक कार्यक्रम विकसित करें।
नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यावरण, आवास, परिवहन, बुनियादी ढांचे, रसद, ग्रामीण क्षेत्र, क्षेत्रीय, आदि जैसे सभी विशेषज्ञताओं सहित या ऑल इंडिया तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा अनुमोदित विषय इसमें शामिल हैं।


