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विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही मध्यप्रदेश में आचार संहिता लागू

देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही मध्यप्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। राज्य में 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होने के बाद तीन दिसंबर को चुनाव नतीजों के ऐलान के साथ नई सरकार को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही मध्यप्रदेश में आचार संहिता लागू
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भोपाल । देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही मध्यप्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। राज्य में 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होने के बाद तीन दिसंबर को चुनाव नतीजों के ऐलान के साथ नई सरकार को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

निर्वाचन आयोग ने आज मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दलों से लेकर प्रशासनिक मशीनरी ने भी चुनाव की तैयारियों को लेकर कमर कस ली है।

राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा अब तक कुल 79 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। पार्टी ने इन सीटों में से कुछ पर अपने दल के दिग्गज नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में उतार कर सबको चौंका दिया है। ये सभी वे सीटें हैं, जिन पर पार्टी को पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। वहीं कांग्रेस की अब तक कोई सूची सार्वजनिक नहीं हुई है।

इस संबंध में भाजपा के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा ने मध्यप्रदेश को बीमारु से विकसित तक का सफर तय कराया है। पार्टी ढेर सारी योजनाओं के साथ ही 'जन आशीर्वाद' की कामना के साथ जनता के बीच गई थी, जबकि कांग्रेस 'जन आक्रोश' के साथ जनता के बीच गई। आने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को जनता का पूरा आशीर्वाद मिलेगा।

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा कि आचार संहिता लगने के बाद पूरा विश्वास है कि मध्यप्रदेश में लोकतंत्र और संविधान का सम्मान कायम रहेगा। अपेक्षा है कि लोकतंत्र को मजबूत करने वाले सभी स्तंभ आचार संहिता की भावना के अनुरूप ईमानदारी से काम करेंगे। जहां तक कांग्रेस की सूची की बात है तो वो नवरात्रि में सामने आ जाएगी।

राज्य में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। वर्तमान में इनमें से 127 पर भारतीय जनता पार्टी, 96 पर कांग्रेस, दो पर बहुजन समाज पार्टी, एक पर समाजवादी पार्टी और चार पर निर्दलीय विधायकों का कब्जा है।

प्रदेश में आम तौर पर चुनाव परिणाम दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस पर ही आधारित होते हैं, लेकिन इस बार बसपा, सपा और निर्दलीयों के साथ ही आम आदमी पार्टी पर भी सबकी नजरें बनी हुई हैं।

राज्य में सामान्य मतदाताओं की संख्या पांच करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 हैं, जिसमें पुरुष मतदाता दो करोड़ 88 लाख 25 हजार 607, महिला मतदाता दो करोड़ 72 लाख 33 हजार 945 और थर्ड जेंडर एक हजार 373 हैं। सेवा मतदाताओं की कुल संख्या 75 हजार 304 हैं। इस प्रकार प्रदेश में कुल मतदाता पांच करोड़ 61 लाख 36 हजार 229 दर्ज हुए हैं।

राज्य में सबसे कम मतदाता 42 बालाघाट विधानसभा क्षेत्र के सोनेवानी (वनग्राम) मतदान केंद्र में हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक वोटर टर्न आउट 89.13 प्रतिशत रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में और सबसे कम 52.84 प्रतिशत अलीराजपुर के जोबट में रहा। सिवनी के लखनादौन विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक मतदान केंद्र 407 और सबसे कम 193 इंदौर के इंदौर-3 विधानसभा क्षेत्र में बनाए गए हैं।


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