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जीतूं या हारूं, अब मैं अपने शहर के लिए ही काम करूंगा: ई श्रीधरन

करीब एक महीने का राजनीति का अनुभव, इंजीनियरिंग गतिविधियों से दूर 88 वर्षीय मेट्रोमैन ई श्रीधरन को पहली बार चुनावी मैदान में कड़े मुकाबला सामना करना पड़ा

जीतूं या हारूं, अब मैं अपने शहर के लिए ही काम करूंगा: ई श्रीधरन
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तिरुवनंतपुरम। करीब एक महीने का राजनीति का अनुभव, इंजीनियरिंग गतिविधियों से दूर 88 वर्षीय मेट्रोमैन ई श्रीधरन को पहली बार चुनावी मैदान में कड़े मुकाबला सामना करना पड़ा।

बुधवार को उन्होंने कहा, वो अपना बचा हुआ जीवन अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम करेंगे। श्रीधरन ने कहा, "जीतूं या हारूं, अब मैं पलक्कड़ में रहने जा रहा हूं। भले ही मैंने इस शहर को बहुत पहले छोड़ दिया था, लेकिन अब मैं यही रहूंगा। मैं एक कार्यालय भी खोलूंगा क्योंकि मेरा काम इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए होगा।"

श्रीधरन ने आगे कहा, "हमें विश्वास है कि हमने अच्छा प्रदर्शन किया है और हम अपनी रणनीति में बहुत स्पष्ट थे कि हम अपने विरोधियों के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलेंगे। हम इस मसले पर चर्चा करेंगे कि हमारे निर्वाचन क्षेत्र के लिए हमारा प्लान क्या है। भले ही मैंने इस निर्वाचन क्षेत्र को बहुत पहले ही छोड़ दिया था लेकिन यहां के लोग मेरे बारे में जानते थे और उन्होंने मेरी मदद की।"

इस बीच पलक्कड़ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पलक्कड़ लोकसभा सदस्य वी.के. श्रीचंदन ने श्रीधरन के बारे में कहा, "उन्हें कोई संदेह नहीं है कि वह एक प्रसिद्ध इंजीनियर हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "हमने यह भी सुना कि वह यहां एक कार्यालय खोलने जा रहे हैं। यह अच्छा है क्योंकि भारतीय रेलवे ने पलक्कड़ में विभिन्न परियोजनाओं की घोषणा की है और उनकी सेवाएं इसके लिए अच्छी होंगी ।"

मेट्रोमैन कांग्रेस के मौजूदा विधायक शफी परंबिल और सीपीआई-एम के सीपी प्रमोद के खिलाफ चुनाव लड़े हैं।

2016 के चुनावों में तत्कालीन भाजपा उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे और सीपीआई-एम को तीसरे स्थान पर रहे थे।


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