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लोजपा के दोनों धड़ों का विलय होगा? पारस बोले- परिस्थिति पर निर्भर करेगा, चिराग का एनडीए में स्वागत है

लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को लेकर उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने बड़ा बयान दिया है

लोजपा के दोनों धड़ों का विलय होगा? पारस बोले- परिस्थिति पर निर्भर करेगा, चिराग का एनडीए में स्वागत है
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पटना। लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को लेकर उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने बड़ा बयान दिया है। लोक जनशक्ति पार्टी के दूसरे गुट राष्ट्रीय लोजपा के अध्यक्ष पशुपति पारस ने कहा कि अगर चिराग बीजेपी नीत एनडीए में आते हैं, तो वे उनका स्वागत करेंगे।

उन्होंने रालोजपा और लोजपा (रामविलास) के विलय पर भी अपने विचार रखे। माना जा रहा है कि चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच सियासी जंग के बाद अब छंटने लगे हैं। लोजपा के दोनों गुटों के विलय के साथ चिराग एनडीए में वापसी कर सकते हैं।

केंद्रीय पशुपति पारस ने सोमवार को कहा कि 28 नवंबर को पटना के रवींद्र भवन में लोजपा का 23वां स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाया जाएगा। इस दौरान उनसे पत्रकारों ने चिराग पासवान के एनडीए में आने पर सवाल किया। इस पर पशुपति पारस ने कहा कि वे चिराग का एनडीए में स्वागत करेंगे। वहीं, लोजपा के दोनों गुट रालोजपा और लोजपा (रामविलास) के विलय पर कहा कि यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

पशुपति पारस के इस बयान के बाद बिहार के सियासी महकमे में चर्चा का दौर शुरू हो गया है। बीते कुछ महीनों से चिराग पासवान का बीजेपी प्रेम खूब छलक रहा है। पिछले दिनों गोपालगंज और मोकामा उपचुनाव में चिराग ने बीजेपी का प्रचार किया था। आगामी कुढ़नी उपचुनाव में भी वे बीजेपी कैंडिडेट के समर्थन का ऐलान कर चुके हैं।

हालांकि, वे अपने चाचा पशुपति पारस की वजह से अब तक एनडीए से अलग रह रहे हैं। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले चिराग अपनी पार्टी लोजपा (रामविलास) को एनडीए में शामिल कर सकते हैं। साल 2020 में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख रहे रामविलास पासवान का निधन हो गया था।

रामविलास उस वक्त केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री थे। रामविलास के निधन के बाद उनकी विरासत को लेकर उनके बेटे चिराग पासवान और भाई पशुपति पारस के बीच जंग छिड़ गई।

पशुपति पारस ने सभी सांसदों को अपने गुट में कर दिया और चिराग अलग-थलग पड़ गए। बीजेपी ने बहुमत के आधार पर पशुपति पारस के गुट को तरजीह दी और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया। इससे नाराज होकर चिराग पासवान ने एनडीए छोड़ दी थी। लोजपा में टूट के बाद चिराग ने लोजपा (रामविलास) नाम से नई पार्टी बनाई। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कई सीटों पर चुनाव भी लड़ा, लेकिन कोई कामयाबी हासिल नहीं हो पाई।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो चिराग पासवान अकेले रहकर सियासी सफलता हासिल नहीं कर सकते। इसलिए उन्हें किसी गठबंधन में आना ही होगा। चिराग की नीतीश कुमार के साथ भी अनबन है।

इसलिए उनका महागठबंधन में जाना न के बराबर है। इसलिए अब उनके पास एनडीए में आने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।


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