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तलाक के 8 साल बाद फिर लेंगे फेरे, मिडिएशन से हुआ ये कमाल
मीडिएटर को लगा कि दोनों लोग फिर से बच्चों की खातिर साथ रह सकते हैं। इसके लिए उन्होंने पति पत्नी को समझाइश दी और दोनों को फिर से साथ रहने के लिए मना लिया

ग्वालियर: बच्चों की खातिर आखिरकार आठ साल बाद माता-पिता को सद्बुद्धि आई और वे एक बार फिर साथ रहने के लिए तैयार हो गए। मामला ग्वालियर की एक युवती और धौलपुर के रहने वाले एक युवक से जुड़ा है। पति पत्नी के बीच अनबन के चलते आठ साल पहले दोनों में तलाक हो गया था। लेकिन शादी के कुछ सालों के भीतर ही दोनों को दो संतान उत्पन्न हुई थीं। जिसमें एक लड़का था और एक लड़की थी। अब लड़की की उम्र 14 साल है जबकि बड़ा बेटा 16 साल का है।
मेडिएटर हरीश दीवान ने देशबन्धु को बताया कि साल 2005 में धौलपुर के युवक की शादी ग्वालियर की रहने वाली एक युवती से हुई थी। इसके बाद 2007 और 2009 में दो संतानों के रूप में उन्हें बेटा बेटी मिले। लेकिन युवक के शराब के नशे में डूबे रहने के कारण परिवार में कलह होने लगी। यह मामला इतना बढ़ गया कि 8 साल पहले यानी 2015 में दोनों ने तलाक लेना मुनासिब समझा। लेकिन इसमें हैरानी की बात यह है कि दोनों बच्चों की सुपुर्दगी कोर्ट के जरिए पिता को मिली। जबकि बच्चों की सुपुर्दगी मां चाहती थी। महिला ने मेडिएटर हरीश दीवान के जरिए अपनी समस्या काउंसलिंग के जरिए सुलझाने की अपील की। इस पर मीडिएटर ने महिला के पति से बात की। दोनों में अनबन के बाद तय किया गया कि महिला को उसके बच्चों से मिलवाया जाएगा। बशर्ते वह उन्हें पिता के खिलाफ अनावश्यक कानाफूसी नहीं करेगी। शहर के फूल बाग स्थित एक पार्क में पिता बच्चों को लेकर आया और उनकी मां से मेडिएटर की मौजूदगी में मुलाकात कराई।
इस पर मीडिएटर को लगा कि दोनों लोग फिर से बच्चों की खातिर साथ रह सकते हैं। इसके लिए उन्होंने पति पत्नी को समझाइश दी और दोनों को फिर से साथ रहने के लिए मना लिया। उन्होंने इसके लिए बच्चों के भविष्य का भी हवाला दिया था। पिछले दिनों ग्वालियर की यह महिला अपने पति के पास धौलपुर चली गई। अब दोनों फिर से एक बार बच्चों की मौजूदगी में शादी करेंगे। खास बात यह है कि एक शादी में वर वधु के बच्चे भी बराती के रूप में शामिल होंगे।
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