राजस्थान में वनों के विस्तार के लिए जल्द लाएंगे नई वन नीति : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में वनों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य सरकार जल्द ही नई वन नीति लाएगी

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में वनों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य सरकार जल्द ही नई वन नीति लाएगी।
श्री गहलोत आज यहां मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअल रूप से आयोजित 72वें वन महोत्सव एवं ‘घर-घर औषधि योजना‘ के शुभारम्भ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गिलोय का औषधीय पौधा लगाकर योजना की शुरूआत की। साथ ही 72वें वन महोत्सव के तहत जयपुर के ग्राम बिलौंची में लगाने के लिए पीपल का पौधा और अन्य पौधों के वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य रक्षा तथा औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से राज्य सरकार ने घर-घर औषधि जैसी अभिनव योजना का शुभारम्भ किया है। राजस्थान संभवतः पहला प्रदेश है, जिसने औषधीय पौधों के प्रति जन चेतना जागृत करने के लिए वृहद स्तर पर ऎसी अनूठी योजना लागू की है। यह हमारी भावी पीढ़ी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
उन्होंने कहा कि प्रकृति का सन्तुलन बिगड़ने के कारण ग्लोबल वॉर्मिंग, अनावृष्टि-अतिवृष्टि, बाढ़, सूखा, भू-स्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन आपदाओं से बचाव के लिए वनों का विस्तार जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के इस दौर में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का महत्व फिर से साबित हुआ है। इसके साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने औषधीय पौधों का लाभ लिया है। निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए भावी पीढ़ी को भी इन औषधीय पौधों के महत्व और उपयोग की जानकारी मिलना आवश्यक है।
श्री गहलोत ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि योजना के तहत दिए जाने वाले पौधों को वे अपने घरों या अन्य किसी उचित स्थान पर लगाएं और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश के सभी सांसदों एवं विधायकों को योजना में भागीदारी निभाने तथा लोगों को जागरूक करने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निःशुल्क वितरण के लिए तुलसी, गिलोय, कालमेघ और अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधों का चयन किया है जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सर्वाधिक कारगर हैं।
कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने बताया कि योजना के तहत वन विभाग की ओर से आगामी पांच वर्षों में प्रदेश के सभी एक करोड़ 26 लाख परिवारों को तुलसी, गिलोय, कालमेघ और अश्वगंधा के आठ-आठ औषधीय पौधे तीन बार निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। यह पौधे वन विभाग अपनी पौधशालाओं में तैयार करेगा। राज्य सरकार इस योजना पर 210 करोड़ रूपए व्यय करेगी।


