चुने जाने पर उप राष्ट्रपति पद की परंपराओं को बनाए रखूंगा: वेंकैया नायडू
भाजपा के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद वेंकैया ने कहा कि अगर वह इस पद के लिए निर्वाचित होते हैं तो वह संसदीय लोकतंत्र प्रणाली को मजबूत करने और पद की परंपराओं व सम्मान को बनाए रखने के लिए काम करेंगे।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू (68) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यसभा के महासचिव व पांच अगस्त को होने वाले उप राष्ट्रपति पद के चुनाव के निर्वाचन अधिकारी शमशेर के. शेरिफ को अपना नामांकन पत्र सौंपा।
नामाकंन पत्र दाखिल करने के दौरान वेंकैया के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता एल.के आडवाणी, सुषमा स्वराज और केंद्र सरकार के अन्य मंत्रियों के अलावा ओ.पन्नीरसेल्वम की अगुवाई वाले एआईएडीएमके के नेता वी. मैत्रेयन भी मौजूद थे।
तेलुगू देशम पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), वाईएसआर कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने उप राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार नायडू को समर्थन देने की घोषणा की है।
संसद भवन में नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद नायडू ने मीडिया से कहा, "भारत की शक्ति संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में बसती है। मेरी कोशिश संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत करने की होगी।"
उन्होंने कहा कि राज्यसभा एक महत्वपूर्ण संस्थान है और इसके सभापति का अलग महत्व होता है।उन्होंने कहा, "मैं देश के लोगों को आश्वासन देता हूं कि अगर मैं इस पद के लिए निर्वाचित होता हूं तो संसदीय लोकतंत्र प्रणाली को मजबूत करने और पद की परंपराओं और सम्मान को बनाए रखने के लिए काम करूंगा।"
वेंकैया ने इस पद पर आसीन रहते हुए सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, न्यायमूर्ति एम. हिदायतुल्ला, आर. वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा और भैरों सिंह शेखावत जैसे देश के महान सपूतों द्वारा देश सेवा में किए गए कार्य को याद किया।
उन्होंने कहा कि वह उप राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियों को लेकर स्पष्ट हैं। निश्चित रूप से संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास करेंगे और अपने योग्य पूर्ववर्तियों और उप राष्ट्रपति पद की गरिमा के अनुसार स्थापित परंपराओं और मानकों को बनाए रखेंगे।
नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद नायडू ने उन्हें समर्थन देने वाले सभी लोगों के प्रति आभार जताया।नायडू ने कहा कि उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामांकित होना सम्मान की बात है और इसके लिए उन्होंने मोदी और शाह व अन्य नेताओं को धन्यवाद किया, जिनके साथ उन्होंने इन सभी वर्षों में काम किया है।
उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस, एआईएडीएमके, तेलुगू देशम पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति के सभी एनडीए घटक और नेताओं को भी समर्थन देने के लिए धन्यवाद किया।
अपनी अब तक की यात्रा का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि वह बहुत ही साधारण, निम्न और कृषक पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं। जब वह 18 महीने के थे तो उन्होंने अपनी मां को खो दिया। उन्होंने पार्टी को अपनी मां मानकर उसकी सेवा की है।
उन्होंने कहा, "मेरी पार्टी ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया। यह पार्टी छोड़ना दर्दभरा है। नरेंद्र मोदी के रूप में देश के पास एक महान नेतृत्व है। मैं उन्हें 2019 लोकसभा चुनावों में वापस देखना चाहता था और मैंने सोचा था कि इसके बाद मैं समाज सेवा की ओर रुख करूंगा लेकिन भाग्य को कुछ और मंजूर था। मैं पार्टी के फैसले से सहमत हूं। मैं पार्टी के ऊपर नहीं हूं।"
उन्होंने चुनाव के लिए प्रचार की बात से इनकार करते हुए कहा, "आज से मेरी भूमिका अलग हो गई है। यह नई जिम्मेदारी है। मैं किसी के खिलाफ कुछ नहीं बोलने जा रहा हूं।"
वेंकैया ने कहा कि उन्हें प्रचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सभी सांसद जो वोट देने वाले हैं वे उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। वेंकैया ने कहा कि उन्होंने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दिया है और वह उप राष्ट्रपति चुनाव तक सांसद के पद पर बने रहेंगे।
इस दौरान वेंकैया की तस्वीर लेते हुए जब छायाकारों ने बाएं मुड़ने का आग्रह किया तो उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, "न मैं बाईं तरफ हूं और न ही दाईं तरफ, मैं बीच में हूं।"
उप राष्ट्रपति पद के लिए नायडू का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी से है। उनकी जीत की संभावनाएं अधिक हैं क्योंकि लोकसभा में राजग को बहुमत हासिल है।नामांकन-पत्रों की जांच बुधवार को होगी।


