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एक महीने में अंधेरी अस्पताल नहीं खुला तो करेंगे पुरजोर विरोध : कांग्रेस

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस (एमपीसीसी) के महासचिव राजेश शर्मा ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर सरकार एक महीने के भीतर अंधेरी में लेबर अस्पताल को फिर से शुरू नहीं करती है तो उनकी पार्टी व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी

एक महीने में अंधेरी अस्पताल नहीं खुला तो करेंगे पुरजोर विरोध : कांग्रेस
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मुंबई। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस (एमपीसीसी) के महासचिव राजेश शर्मा ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर सरकार एक महीने के भीतर अंधेरी में लेबर अस्पताल को फिर से शुरू नहीं करती है तो उनकी पार्टी व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी।

श्री शर्मा ने दावा किया कि उद्योगपति अडानी की साजिश से अस्पताल नहीं खुल रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगपति का लक्ष्य 5,000 करोड़ रुपये की करीब 12 एकड़ जमीन की चोरी करना है। यह अस्पताल पिछले चार साल से जीर्णोद्धार के नाम पर बंद है। अभी तक मरम्मत के लिए 250 करोड़ रुपये और चिकित्सा आपूर्ति की खरीद के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं और ईएसआई निगम अस्पताल को फिर से खोलने को तैयार नहीं दिख रहा है।

श्री शर्मा ने गांधी भवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह श्रम अस्पताल अंधेरी में 1977 में स्थापित किया गया था और 2008 तक यह अस्पताल राज्य सरकार के तत्वावधान में चल रहा था।

इसके बाद, अस्पताल को 14 अप्रैल 2008 को ईएसआई निगम द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया। कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने इस अस्पताल को 500 बिस्तरों वाले अस्पताल में आधुनिक बनाया और एक मेडिकल कॉलेज भी शुरू किया। इस अस्पताल में 17 दिसंबर, 2018 को आग लगने की दुर्घटना हुई थी और दुर्भाग्य से 13 लोगों की मौत हो गई थी और 150 लोग घायल हो गए थे। हादसे से पहले ओपीडी, आईपीडी (350 बेड), आईसीयू और सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं 24 घंटे खुली रहती थीं। अस्पताल पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, एक्स-रे, सीटी-एमआरआई, ऑपरेशन थियेटर सहित सभी नवीनतम सुविधाओं से लैस है। ओपीडी विभाग में रोजाना करीब 1800 से 2000 मरीज आते हैं, ब्लड बैंक की सुविधा भी उपलब्ध है।

श्री शर्मा ने कहा कि अंधेरी के लेबर अस्पताल को बंद कर लाखों मजदूरों की सेहत से खिलवाड़ कर इस जगह को उद्योगपतियों के गले से नीचे उतारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार को भी मामले पर ध्यान देना चाहिए और तथ्यों को स्पष्ट कर उसी स्थान पर कामगार अस्पताल को फिर से शुरू करना चाहिए।


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