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क्या फिर बिगड़ेगा ग्वालियर का लॉ एंड ऑर्डर? इस मामले में क्या है प्रशासन की तैयारी?
गुर्जर महासभा के कई प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर se मिलकर 12 अक्टूबर के कथित गिरफ्तारी को आंदोलन से अपने को अलग बताया है, इसलिए जबरन किसी कार्यक्रम को आयोजित करने वालों पर जिला एवं पुलिस प्रशासन कार्रवाई करेगा

ग्वालियर: चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद गुर्जर समाज एवं ओबीसी महासभा के संभावित गुरुवार के गिरफ्तारी आव्हान ने जिला प्रशासन की मुश्किलें बड़ा दी हैं। हालांकि मंगलवार दोपहर को जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसपी राजेश चंदेल ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि जिले में धारा 144 लागू है। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित अन्य स्थानों पर किसी को भी बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन जुलूस रैली आदि की परमिशन नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्ग विशेष अथवा संप्रदाय के खिलाफ उत्तेजनात्मक भड़काने वाले आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे प्रयास में लगे लोगों के बारे में पुलिस ने सभी लोगों से जानकारी भी चाही है।
25 सितंबर को गुर्जर महाकुंभ के दौरान कुछ शरारती तत्वों ने जिला कलेक्ट्रेट भवन पर उपद्रव किया था और पुलिस कर्मियों से उनके हिंसक झड़प हुई थी। बाद में पुलिस ने भी इन उपद्रवियों को लाठियां भांजकर खदेड़ दिया था। आंदोलन में शिरकत करने वाले लोगों का कहना है कि पुलिस ने संप्रदाय विशेष के लोगों को चुन चुन कर टारगेट कर उनके खिलाफ संगीन धाराओं में अपराध दर्ज करने सहित रासुका लगाने जैसी कार्रवाईंया की है। इसके विरोध में गुर्जर समाज के साथ ही अन्य समाज के लोग भी 12 अक्टूबर को मेला ग्राउंड पर गिरफ्तारी देंगे।

इस मामले में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह का कहना है कि उनके पास लगातार विभिन्न समाज के प्रतिनिधिमंडल आ रहे हैं और सभी से उन्होंने सहयोग की अपील की है। गुर्जर महासभा के भी कई प्रतिनिधि मंडल उनसे मिल चुके हैं और उन्होंने 12 अक्टूबर के कथित गिरफ्तारी आंदोलन से अपने को अलग बताया है ।इसलिए जबरन किसी कार्यक्रम को आयोजित करने वालों पर जिला एवं पुलिस प्रशासन कार्रवाई करेगा। पुलिस का यह भी कहना है कि वह बिना सबूत के किसी के भी खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं ना ही वर्ग विशेष को इसमें टारगेट किया जा रहा है।
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