फ्लैक्सी फेयर में राहत से शुरू होगी गोयल की रेल मंत्रालय में पारी?
हादसों के बाद रेल मंत्रालय का पदभार संभालने वाले नए रेल मंत्री पीयूष गोयल पर अब रेलवे को पटरी पर लाने का भार साफ दिख रहा है

अनिल सागर
नई दिल्ली। हादसों के बाद रेल मंत्रालय का पदभार संभालने वाले नए रेल मंत्री पीयूष गोयल पर अब रेलवे को पटरी पर लाने का भार साफ दिख रहा है। इसके लिए उन्होंने अपनी लंबी चौड़ी फौज को भी उतार दिया है। बतौर रेल मंत्री पीयूष गोयल की पहली प्राथमिकता होगी कि वह ऐसा ऐलान करें कि पहले कदम से ही यह अहसास हो जाए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद सही है। रेल मंत्रालय के तंत्र को समझने में जुटे रेल मंत्री पीयूष गोयल संभव है कि यात्रियों को राहत का ऐलान भी कर सकते हैं और इस राहत में फ्लैक्सी फेयर को भी शामिल किया जा सकता है।
नए रेल मंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि चुनाव से पहले उन्हें अपनी क्षमताओं को दिखाना होगा और अब इसके लिए समय बहुत कम है। लिहाजा उन्होंने सेफ्टी के साथ स्पीड को प्राथमिकता में शामिल करने के संकेत दिए हैं।
सूत्रों की माने तो पीयूष गोयल ने ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के साथ सेफ्टी को सुनिश्चित करने के फार्मूले पर अधिकारियों से मनन शुरू कर दिया है। स्वच्छता पर खास जोर देकर वह प्रधानमंत्री कार्यालय तक संदेश देना चाहेंगे कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर अक्षरश: खरे उतरेंगे। इसके लिए सभी रेलगाड़ियों में बायो शौचालय की योजना को भी तेजी से अमल पर लाने की तैयारियां शुरू की जा सकती हैं। सभी रूटों पर विद्युतीकरण पर काम चल रहा है लेकिन तेजी के लिए जहां जोर दिया जाएगा वहीं रेल डिब्बों को भी आधुनिक बनाकर उतारने की योजना पर भी अब तेजी आएगी।
रेलगाड़ी आकर दोबारा यात्रा शुरू करने में करीबन छह घंटे का समय लेती है।आधिकारिक सूत्र मानते हैं कि रेल मंत्री रेलगाड़ियों की उपयोगिता को बढ़ाने के लिए ट्रेनों के टर्नअराउंड टाइम को भी कम से कम करने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि आज भी रेल मंत्रालय में बैठकों का दौर चलता रहा और पीयूष गोयल की टीम के कई अधिकारियों ने अपने अपने बैठने के स्थान खोज लिए हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी गुजरात के दौरे पर थे और अब उनके आते ही संभवत: इन पहलुओं पर तेजी से क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा।


